Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Chandrayaan 3 Rover Pragyan: चांद पर घूमने लगा रोवर प्रज्ञान, अपने पैरों से बना रहा है भारत की पहचान

Rover Pragyan Pics: चंद्रयान 3 मिशन के साथ चांद पर भेजा गया रोवर प्रज्ञान अब लैंडर विक्रम से बाहर आ गया है और इसने चांद की सतह पर घूमना भी शुरू कर दिया है.

Chandrayaan 3 Rover Pragyan: चांद पर घूमने लगा रोवर प्रज्ञान, अपने पैरों से बना रहा है भारत की पहचान

Rover Pragyan

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद अगला चरण शुरू हो गया है. अगले चरण में लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर आ चुका है. 14 दिनों तक काम करने वाला यह रोवर अब चांद की सतह पर घूम रहा है और इसने अपना काम शुरू कर दिया है. रोवर के पैरों में बने इम्प्रिंट्स की सहायता से भारत के प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ की तस्वीर छप रही है जो कि सालों तक वैसी ही रहने वाली है. रोवर प्रज्ञान के साथ दो और लैंडर विक्रम के साथ चार पेलोड लगाए गए हैं. ये सभी खास अलग-अलग कामों के लिए बनाए गए हैं और वे अपने काम पर लग भी गए हैं.

यही रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर घूमेगा और अपने पेलोड्स की मदद से डेटा जुटाएगा. ऐसे में इसका लैंडर से बाहर निकलना काफी अहम था. यह भी सफलतापूर्वक हो चुका है. दरअसल, लैंडर के उतरने की वजह से चांद पर धूल उड़ गई थी और गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होने की वजह से यह धूल शांत होने में काफी वक्त लगता है. अगर धूल के बीच रोवर को बाहर निकाला जाता तो इसमें खराबी आ सकती थी इसलिए कुछ समय लेकर यह बाहर निकला. लगभग ढाई घंटे बाद निकले रोवर प्रज्ञान में 6 पहिए हैं. एक तरह का रोबोटिक व्हीकल प्रज्ञान अब अपने मिशन पर जुट गया है.

यह भी पढ़ें- Chandrayaan 3 के चांद पर उतरने का भारत के लोगों पड़ेगा क्या असर, 5 प्वाइंट्स में समझें

क्या है लैंडर और रोवर का काम?
बता दें कि इन दोनों को मिलाकर कुल 6 पेलोड यानी उपकरण लगाए गए हैं. इनमें से चार लैंडर विक्रम के साथ तो दो रोवर प्रज्ञान के साथ जोड़े गए हैं. लैंडर के साथ लगा रंभा (RAMBHA) चांद पर सूरज से आने वाले प्लाज्मा कणों के घनत्व, मात्रा और बदलाव की जांच करेगा. ChaSTE भी विक्रम पर ही लगा है और यहा चांद की सतह का तापमान मापेगा. इल्सा लैंडिंग साइट के आसपास भूकंप मापेगा और लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे (LRA) चांद के डायनैमिक्स को समझने की कोशिश करेगा.

यह भी पढ़ें- चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की नजर से दुनिया ने पहली बार देखा दक्षिणी चांद

वहीं, चांद की सतह पर घूम रहे रोवर प्रज्ञान पर लगे पेलोड लेडर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) का काम चांद पर मौजूद रसायनों की मात्रा और गुणवत्ता को समझने के साथ-साथ वहां मौजूद खनिजों का पता लगाना है. दूसरे पेलोड अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) का काम एलिमेंट कंपोजीशन को समझने का है. लैंडिग साइट के पास सिलिकन, कैल्शियम, टिन और लोहा की मौजूदगी का पता यही लगाएगा.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement