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Rau IAS Flooding: High court ने पूछा सवाल, अब तक कितने अधिकारी हुए गिरफ्तार

दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत हो गई. इस मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कई सवाल किए हैं.

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Rau IAS Flooding: High court ने पूछा सवाल, अब तक कितने अधिकारी हुए गिरफ्तार
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दिल्ली की Rau IAS कोचिंग सेंटर में हुए हादसे में 3 छात्रों की मौत हो गई. इस ममाले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई को दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि इस मामले में अब तक कितने एमसीडी अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है? कोर्ट ने पुलिस पर भी सवाल उठाया और पूछा कि दिल्ली पुलिस कहां है, वो खुद क्या कर रही है? इतना ज्यादा पानी कैसे वहाँ इकट्ठा हो गया? कोर्ट ने इन सभी सवालों के जवाब मांगे. 

MCD अधिकारियों पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई?
कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि, आपको पहले इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरना होगा, तब बिल्डिंग नियमों में छूट दे सकते है. लोकिन आप उलटा काम कर रहे हैं.  कोर्ट ने आगे कहा कि आप सड़क से गुजरने वाले हरे शख्श को गिरफ्तार कर रहे हैं, पर एमसीडी अधिकारियों पर आप कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है. इसके बाद सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि कुछ एमसीडी के अधिकारियों को इस घटना के बाद बर्खास्त कर दिया गया है. 


ये भी पढ़ें-Gangrape केस में बड़ा फैसला, हाई कोर्ट बोला- मदद भी रेप करने के बराबर


कोर्ट ने आगे सवाल किया कि आपने जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की है, वो जूनियर अफसर है. लेकिन सीनियर अफसर का क्या, जिनका जिम्मा सुपरविजन का है. कभी सीनियर अधिकारियों को भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए पर वो अपने AC रूम से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं. आपको 'मुफ्तखोरी के कल्चर' पर विचार करना होगा. दिल्ली की जनसंख्या 3.3 करोड़ पहुंच गई है, जबकि इसे 6-7 लाख लोगों के लिए प्लान किया गया था. बिना इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के आप इतने लोगों को यहां कैसे सुरक्षित रख पाएंगे. 

कोर्ट ने लगाई फटकार
कोर्ट ने कहा कि पहले कोई काम नहीं हुआ और अब इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है. और आप कह रहे हैं कि एक्शन लेंगे? लोगों की जिंदगी कीमती है. इस तरह से उनकी जान नहीं जानी चाहिए. ऐसा नहीं हो सकता है कि कहीं कंस्ट्रक्शन हो रहा है और अधिकारियों को पता ही न हो. इस बारे में कोई भी बहाना सिर्फ अपनी गलतियों को छुपाने का तरीका है. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर जांच अधिकारी सही तरीके से जांच नहीं करेंगे तो हम किसी केंद्रीय एजेंसी को ये जांच सौप सकते हैं. जहां तक गैरकानूनी लाइब्रेरी का सवाल है, हम कमिश्नर को तलब करेंगे. 

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