Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

President Of India बनने के लिए याचिका, सुप्रीम कोर्ट बोला- यह न्यायिक प्रक्रिया का अपमान

अपकमिंग चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने याचिकाकर्ता को बैन करने का आदेश भी रजिस्ट्री को दिया है.

President Of India बनने के लिए याचिका, सुप्रीम कोर्ट बोला- यह न्यायिक प्रक्रिया का अपमान

Representational Image

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक आदमी को करारी फटकार लगाते हुए उसकी वह याचिका रद्द कर दी, जिसमें उसने शीर्ष अदालत से खुद को देश का राष्ट्रपति नियुक्त किए जाने का आदेश जारी करने की मांग की थी. इस याचिका से नाराज अपकमिंग चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (justice DY Chandrachud) और जस्टिस हिमा कोहली (justice Hima Kohli) की बेंच ने इसे 'छिछोरापन' करार दिया और उसे 'अपमानजनक' बताया. बेंच ने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का अपमान है. बेंच ने याचिका खारिज करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री (Supreme Court Registry) को आदेश दिया है कि भविष्य में भी इस याचिकाकर्ता की किसी भी मुद्दे पर कोई अपील स्वीकार नहीं की जाए.

पढ़ें- भड़काऊ भाषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- सरकारें तुरंत करें कार्रवाई, नहीं तो अवमानना के लिए रहें तैयार

चुनाव नहीं लड़ने देने के खिलाफ दाखिल की थी याचिका

ANI के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति बनाने की मांग वाली याचिका किशोर जगन्नाथ सावंत (Kishore Jagannath Sawant) ने दाखिल की थी. खुद ही पेश हुए जगन्नाथ का आरोप था कि उसे राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव के दौरान उम्मीदवारी दाखिल करने की इजाजत नहीं दी गई. खुद को पर्यावरणविद् बताने वाले जगन्नाथ ने यह भी कहा कि वह दुनिया में सभी तरह के हालात में काम कर सकता है. 

पढ़ें- Maharashtra में किसी भी केस की जांच कर सकेगी CBI, एकनाथ शिंदे ने पलटा उद्धव ठाकरे का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई करारी फटकार

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ को फटकार लगाई और कहा कि वह अपनी स्पेशलाइज्ड नॉलेज के आधार पर भाषण दे सकता है, क्योंकि वह एक पर्यावरणविद् है, लेकिन इस तरह से याचिका दाखिल करना उचित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए रजिस्ट्री को आगे उसकी कोई अपील स्वीकार नहीं करने का आदेश दिया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही रजिस्ट्री को यह भी आदेश दिया कि इस केस की सुनवाई के रिकॉर्ड से 'अपमानजनक' शब्द को हटा दिया जाए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement