Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

WBSSC Scam: ED को मिली TMC विधायक माणिक की कस्टडी, भाजपा कार्यकर्ताओं ने चप्पल दिखाकर कहा चोर

माणिक भट्टाचार्य शिक्षक भर्ती घोटाले के दौरान पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के चेयरमैन थे.

WBSSC Scam: ED को मिली TMC विधायक माणिक की कस्टडी, भाजपा कार्यकर्ताओं ने चप्पल दिखाकर कहा चोर
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल के चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले (WBSSC Scam) में अदालत ने TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य को 14 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में भेज दिया है. माणिक भट्टाचार्य (Manik Bhattacharya) को मंगलवार सुबह ही ED ने स्कूल सर्विस कमीशन घोटाले (School Service Commission scam) में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कोलकाता की बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया, जहां ED के आग्रह पर पूछताछ के लिए उनकी 14 दिन की कस्टडी सौंप दी गई. माणिक भट्टाचार्य को अदालत में पेश करने के दौरान वहां बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे और उन्हें पैर की चप्पल निकालकर दिखाई, जिसके चलते हंगामे का माहौल बना रहा. माणिक भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के चेयरमैन थे और उनके कार्यकाल के दौरान ही यह घोटाला हुआ था.

पढ़ें- Ukraine War में इसलिए तेज हुए हमले, 'तबाही फैलाने वाला' जनरल बन गया है कमांडर, जानिए कौन है वो

भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने लगाए चोर-चोर के नारे

माणिक भट्टाचार्य की पेशी के दौरान पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं. इन कार्यकर्ताओं ने उन्हें चप्पल दिखाने के साथ ही 'चोर-चोर' के नारे भी लगाने शुरू कर दिए. इससे पहले इस घोटाले में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी एक्ट्रेस अर्पिता मुखर्जी की भी पेशी के दौरान अदालत परिसर में उनके लिए चोर-चोर कहकर नारे लगाए गए थे. 

पढ़ें- S. Jaishankar ने कहा- भारत ने रूस से हथियार खरीदे क्योंकि पश्चिमी देशों ने मिलिट्री तानाशाही वाले पाकिस्तान का साथ दिया

CBI से बचे पर ED के चंगुल में फंस गए माणिक

माणिक भट्टाचार्य को इस मामले में CBI भी गिरफ्तार करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने 29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर ले लिया था. CBI से बचने के बाद अब वे इस मामले में ED के चंगुल में फंस गए, जो इस घोटाले के दौरान ली गई रिश्वत की मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर जांच कर रही है. 

पढ़ें- नहीं रुक रहा Pakistan में हिन्दू लड़कियों पर अत्याचार, 15 दिनों में चौथा अपहरण

अर्पिता के फ्लैट से 3 बार छापेमारी में मिला था 50 करोड़ से ज्यादा कैश

इस मामले में ED ने 23 जुलाई को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ED टीम ने अर्पिता के अलग-अलग फ्लैट्स पर 3 बार छापेमारी की थी. इन छापेमारियों में ED टीम को 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश और करोड़ों रुपये के सोने के जेवरात मिले थे. पार्थ और अर्पिता इस मामले में अब तक जेल में ही बंद हैं.

क्या है पूरा घोटाला

दरअसल साल 2014 में पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की गई थी. इस एग्जाम में कई तरह की गड़बड़ी के जरिए पैसे लेकर अपात्र लोगों को नौकरियां देने के आरोप हैं. आरोप है कि 269 लोगों की आंसरशीट में नंबर बढ़ाकर उन्हें दूसरों से आगे कर दिया गया. यह भी आरोप हैं कि कई ऐसे लोगों को भी नौकरी मिली है, जो महज कक्षा-5 या 6 तक पढ़े हैं और भर्ती परीक्षा में भी शामिल नहीं हुए हैं. इन आरोपों के बाद जून 2022 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस घोटाले की जांच CBI को सौंपी थी और माणिक भट्टाचार्य को उनके पद से हटा दिया था. CBI की FIR के आधार पर ED ने केस दर्ज करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी थी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement