Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

हाई कोर्ट का आदेश, हिंदू नहीं हैं तो इस मंदिर में न जाएं, ये टूरिस्ट प्लेस नहीं

High Court on Temple Entry: मंदिर में एंट्री को लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि गैर हिंदुओं को शर्त के आधार पर ही प्रवेश दिया जाना चाहिए.

Latest News
हाई कोर्ट का आदेश, हिंदू नहीं हैं तो इस मंदिर में न जाएं, ये टूरिस्ट प्लेस नहीं

Madras High Court

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: मद्रास हाई कोर्ट ने मंदिरों में प्रवेश को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. पलानी मुरुगन मंदिर के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि जो लोग हिंदू धर्म का पालन नहीं करते हैं मंदिर में उनका प्रवेश प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मंदिर टूरिस्ट प्लेस नहीं हैं ऐसे में अन्य धर्मों के लोग मंदिर में प्रवेश न करें. साथ ही, यह भी कहा गया है कि अगर दूसरे धर्मों के लोग मंदिर में जाना चाहते हैं तो उसे यह वचन लेना होगा कि वह देवी-देवताओं में विश्वास है और वह हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं को पालन करेगा.

हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के हिंदू धर्म और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (HR&CE) को आदेश दिया है कि वह राज्य के सभी हिंदू मंदिरों में बोर्ड लगाए. इस बोर्ड में लिखा जाए कि गैर हिंदुओं को मंदिर के कोडिमारम यानी ध्वज स्तंभ से आगे जाने की अनुमति नहीं है. हाई कोर्ट का कहना है कि हिंदुओं को भी अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का अधिकार है. यह आदेश मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच के जस्टिस एस श्रीमति ने डी सेंथिल कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

यह भी पढ़ें- UP के 5 हजार लोगों को इजरायल में मिली नौकरी, मिलेगी लाखों की सैलरी

वचन देने पर ही मिलेगी एंट्री
याचिकाकर्ता सेंथिल कुमार ने पलानी मुरुगन मंदिर और उसके उप मंदिरों में सिर्फ हिंदुओं को जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. उन्होंने यह भी कहा था कि मंदिरों में इसके बारे में बोर्ड भी लगवाए जाएं. यह मंदिर डिंडीगुल के पलानी में स्थित है. अब हाई कोर्ट ने कहा है, 'यह निर्देश दिया जाता है कि उन गैर हिंदुओं को मंदिर में अनुमति न दें जो हिंदू धर्म में विश्वास नहीं करते हैं. अगर कोई गैर हिंदू शख्स मंदिर में विशेष देवता के दर्शन करने का दावा करता है तो सरकार ऐसे शख्स से वचन ले कि वह हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं का पालन करेगा. इस वचन के साथ ही मंदिर में जाने की अनुमति दी जा सकती है.'

यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में CRPF कैंप पर बड़ा नक्सली हमला, 3 जवान शहीद और 14 घायल

कोर्ट ने यह भी कहा, 'सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का अधिकार है. धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं किया जा सका. मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है.'

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement