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सजा-ए-मौत, आखिरी सांस तक उम्रकैद... ममता सरकार के एंटी रेप बिल में क्या-क्या प्रावधान, 5 पॉइंट में समझें

Aparajita Woman and Child Bill: ममता सरकार ने विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाया था. जिसमें महिलाओं के खिलाफ हो रहे रेप की घटनाओं को रोकने के लिए 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024' लेकर आई.

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सजा-ए-मौत, आखिरी सांस तक उम्रकैद... ममता सरकार के एंटी रेप बिल में क्या-क्या प्रावधान, 5 पॉइंट में समझें

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    पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को एंटी रेप बिल 'अपराजिता' (West Bengal Anti Rape Bill) पास हो गया है. कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद ममता सरकार ने इस बिल को विधानसभा में पेश किया था. जहां सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इस बिल में दोषी को सजा-ए-मौत के अलावा आखिरी सांस तक उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान है.

    ममता सरकार ने विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाया था. जिसमें महिलाओं के खिलाफ हो रहे रेप की घटनाओं को रोकने के लिए 'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024' पेश किया गया. बिल पर बहस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने 2020 में यूपी के हाथरस में 20 साल की लड़की साथ रेप और 2013 में बंगाल के उत्तरी 24 पहगना में छात्रा के साथ रेप के बाद हत्या का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत है.

    बिल में क्या हैं 5 प्रावधान

    सजा-ए-मौत
    रेप के बाद हत्या करने वाले अपराधी को फांसी की सजा दी जाएगी. पुलिस 21 दिन में अपनी जांच पूरी करेगी. कोर्ट में चार्जशीट दायर करने के 36 दिन बाद दोषी पाए जाने पर सजा-ए-मौत का प्रावधान किया गया है. इस बिल में रेपिस्ट की मदद करने वाले को भी 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान किया गया है.

    टास्क फोर्स की होगी तैनात
    ममता ने सरकार ने हर जिले में एक अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान किया गया है. रेप,एसिड अटैक और छेड़छाड़ करने वाले अपराधियों के खिलाफ टास्क फोर्स एक्शन लेगी. वही अपराधियों को जेल तक पहुंचाएगी.

    आखिरी सांस तक कारावास
    अगर किसी महिला के साथ रेप और गैंगरेप किया गया तो उसके दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी. वह आखिरी सांस तक जेल में रहेगा. इस दौरान उसे पेरोल की सुविधा भी नहीं मिलेगी.

    एसिड अटैक करने वाले भी नहीं बचेंगे
    महिलाओं पर एसिड अटैक करने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा. यह अपराध भी रेप जितना ही गंभीर माना जाएगा. इसलिए एसिट अटैक करने वाले अपराधियों को भी आजीवन सलाखों के पीछे गुजारनी पड़ेगी.

    अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024 शीर्षक वाले इस प्रस्तावित कानून का उद्देश्य बलात्कार और यौन अपराधों से संबंधित नये प्रावधानों के जरिए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत करना है.
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