Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

मणिपुर में खुद ही जिलों का नाम बदल रहे लोग, अब राज्य सरकार ने दी कार्रवाई की चेतावनी

Manipur Latest News: मणिपुर में जिलों और संस्थानों का नाम बदलने से नाराज राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी करके ऐसा करने वालों को चेतावनी दी है.

मणिपुर में खुद ही जिलों का नाम बदल रहे लोग, अब राज्य सरकार ने दी कार्रवाई की चेतावनी

Representative Image

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: मणिपुर सरकार ने मंजूरी लिए बिना जिलों और संस्थानों का नाम बदलने वालों को चेतावनी दी है. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि इस तरह का कदम समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा कर सकता है और कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को बिगाड़ सकता है. इसी अधिसूचना में कहा गया है कि अगर किसी को दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते पाया गया, तो उसके खिलाफ संबंधित कानूनों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, 'राज्य सरकार की मंजूरी के बिना कोई भी जानबूझकर जिलों, उप-मंडलों, स्थानों, संस्थानों के नाम बदलने का कार्य नहीं करेगा या करने का प्रयास नहीं करेगा.' बता दें कि हाल ही में जो समुदाय के लोगों ने चुराचांदपुर जिले का नाम बदलकर 'लमका' लिखने की कोशिश की है. राज्य सरकार इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में है.

यह भी पढ़ें- शादी होते ही 'बेघर' होंगे राघव चड्ढा, समझिए क्यों खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला

सरकार ने जताई चिंता
अधिसूचना में कहा गया है, 'मणिपुर सरकार को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि नागरिक समाज से जुड़े कई संगठन, संस्थान, प्रतिष्ठान और व्यक्ति जानबूझकर जिलों का नाम बदल रहे हैं या नाम बदलने की कोशिश कर रहे हैं जो आपत्तिजनक है. इससे राज्य में रहने वाले समुदायों के बीच विवाद और संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है. खासतौर पर कानून-व्यवस्था के समक्ष मौजूद वर्तमान संकट के मद्देनजर.' 

मणिपुर सरकार की अधिसूचना के अनुसार, इस मामले को अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ देखा जा रहा है, क्योंकि इस चलन से राज्य में विभेद पैदा हो सकता है या कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब और हो सकती है. यह कदम तब उठाया गया है, जब चुराचांदपुर में 'ज़ो' समुदाय के संगठन ने जिले को 'लमका' नाम दिया है.

यह भी पढ़ें- तीस्ता नदी ने मचाया तांडव, रेस्क्यू जारी, तस्वीरों में देखें सिक्किम का हाल

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद 3 मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी. हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement