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मणिपुर हिंसा में अब ड्रोन का इस्तेमाल, कुकी उग्रवादियों के हमले में 2 की मौत, 9 घायल

मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा में पहली बार हाईटेक ड्रोन का इस्तेमाल हुआ, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई और 9 घायल हुए. इस हमले ने राज्य में तनाव बढ़ा दिया है और स्थानीय लोग सरकार पर शांति बहाल करने में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं.

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पिछले साल मणिपुर में मई महीने में शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. कुकी और मैतेई समूहों के बीच लगातार हो रहे हिंसक झड़प अब और तेज हो गई हैं. कल कुकी समुदाय की तरफ से ड्रोन हमले ने एक बार फिर राज्य में स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है. ताजा हमला ड्रोन से किया गया. बीते 1 साल से लगातार चल रहे इस गतिरोध में पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है, जो निश्चित तौर पर राज्य सरकार के लिए नई चुनौती बनती जा रही है. कुकी आतंकवादियों द्वारा किए गए इस हमले में 1 महिला समेत 2 लोगों की मौत हो गई और 9 लोग घायल हो गए हैं. यह हमला कौत्रक गांव में दोपहर करीब 2 बजे किया गया था. पहाड़ी इलाकों से किया गया यह हमला इतना तेज था कि पूरा गांव दहल गया. अंधाधुन गोलीबारी करने के बाद ड्रोन से बम बरसाए गए.

मणिपुर हिंसा में पहली बार किया गया ड्रोन का इस्तेमाल
मणिपुर पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि कौत्रुक, इम्फाल वेस्ट में एक हमले में कथित कुकी आतंकवादियों ने हाईटेक ड्रोन का इस्तेमाल करके कई आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) लॉन्च किए हैं. जबकि ड्रोन बम आमतौर पर युद्ध में इस्तेमाल होते हैं, इस हालिया हमले में ड्रोन का उपयोग करके सुरक्षा बलों और नागरिकों पर विस्फोटक गिराना एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है. पुलिस के मुताबिक,इस तरह के हमले को एक विशेष साजिश के तहत देखने की भी आवश्यकता है.इस तरह के हमले में विशेषज्ञ पेशेवरों की भागीदारी,जो संभवतः तकनीकी विशेषज्ञ और समर्थन के साथ हो सकती है,जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.अधिकारी स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं,और पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

राज्य सरकार की तरफ से शांति बहाली का दावा
कोत्रुक गांव के लोगों ने इस घटना पर निराशा व्यक्त की है. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने कई बार शांति बहाल करने का आश्वासन दिया, फिर भी हमारी सुरक्षा की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. महिला निगरानी समूह की सदस्य निंगथौजम टोमालेई का कहना है कि राज्य सरकार शांति की बहाली का दावा करती है,पर हम आज भी हमलों के डर में जी रहे हैं. आखिर हम कब सुरक्षित होंगे?

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