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No Confidence Motion: अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त से होगी चर्चा, 10 तारीख को PM मोदी देंगे जवाब

No Confidence Motion: संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय हो गई है. 8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में चर्चा होगी और 10 अगस्त को पीएम मोदी जवाब देंगे.

No Confidence Motion: अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त से होगी चर्चा, 10 तारीख को PM मोदी देंगे जवाब

Indian Parliament

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डीएनए हिंदी: विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था. अब कहा गया है कि लोकसभा में 8 से 10 अगस्त के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे. विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि उन्हें पता है कि उनके पास बहुमत नहीं है कि वे मोदी सरकार को विश्वास प्रस्ताव में हरा सकें लेकिन मणिपुर हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी के जवाब के लिए यही आखिरी चारा है.

बता दें कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही विपक्ष मांग कर रहा है कि मणिपुर हिंसा पर सदन में चर्चा हो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आकर जवाब दें. सत्ता पक्ष का कहना है कि वह मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. हालांकि, पीएम मोदी अभी तक संसद में जवाब देने को तैयार नहीं हुए. अब अविश्वास प्रस्ताव के चलते 10 अगस्त को उन्हें संसद में जवाब देना होगा.

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विपक्ष के साथ नहीं है बहुमत
विपक्षी पार्टियों के कई नेता इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि सदन में उनके पास बहुमत नहीं है लेकिन मणिपुर हिंसा पर पीएम के जवाब के लिए वे अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं. बता दें के लोकसभा में बीजेपी के 303 को मिलाकर एनडीए के पास कुल 336 सांसद हैं. वहीं, विपक्षी INDIA गठबंधन के पास सिर्फ 134 सांसदों का समर्थन है. YSR कांग्रेस और नवीन पटनायक की बीजू जनता दल ने कहा है कि वे इस अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हैं.

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बता दें कि मणिपुर में बीते 3 महीने से हिंसा जारी है. मेइती और कुकी समुदाय के बीच हिंसक घटनाओं में सैकड़ों लोगों की मौत भी हुई है. 3 महीने बाद भी हिंसक घटनाएं शांत नहीं हुई हैं और हजारों लोग राहत कैंपों में रहने को मजबूर हैं. इसी मुद्दे पर विपक्ष की मांग है कि पीएम मोदी संसद में आएं और इस पर जवाब दें कि सरकार की ओर क्या किया गया और कहां चूक हुई कि इतने व्यापक स्तर पर हिंसा की घटनाएं हुईं.

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