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PMJAY CAG Report: आयुष्मान योजना में लाखों मरीजों का मोबाइल नंबर एक, मर चुके लोगों का भी हो गया 'इलाज'

PMJAY CAG Report: आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी एक CAG रिपोर्ट ने कई ऐसे खुलासे किए हैं जिनसे हर कोई हैरान रह गया है.

PMJAY CAG Report: आयुष्मान योजना में लाखों मरीजों का मोबाइल नंबर एक, मर चुके लोगों का भी हो गया 'इलाज'

Ayushman Bharat PMJAY

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डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में सीएजी रिपोर्ट न सबको हैरान कर दिया है. इस योजना के लाभार्थियों को लेकर CAG रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कई ऐसे मरीजों का भी डेटा मौजूद है जो मर चुके थे लेकिन उनका 'इलाज' जारी रहा. इतना ही नहीं, इन 'मृत' लोगों के इलाज के नाम पर योजना के तहत करोड़ों रुपये भी खर्च हुए. एक और जानकारी यह सामने आई है कि लाखों मरीज ऐसे पाए गए हैं जिनके मोबाइल नंबर एक ही हैं. लगभग 7.49 लाख ऐसे हैं जिनका मोबाइल नंबर एक ही दर्ज है और PM-JAY के डेटाबेस में इनका मोबाइल नंबर 9999999999 दर्ज है.

मृतकों के इलाज वाली गड़बड़ी के मामले में सबसे आगे छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, केरल और मध्य प्रदेश हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के तहत इलाज करवाने लोगों में से 88,760 ऐसे थे जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. रिपोर्ट में यह भी गड़बड़ी पाई गई कि कोई भी मरीज एक ही समय पर कई अस्पतालों में एडमिट हो सका था. इसे रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं था. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने भी जुलाई 2020 में इस बात को माना. CAG रिपोर्ट में सामने आया है कि 48,387 मरीजों के 78,396 क्लेम ऐसे थे जिनमें दूसरी बार एडमिट होने की तारीफ पहली बार डिस्चार्ज होने के पहले की थी.

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मंत्री के जवाब के बाद आई CAG रिपोर्ट
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री एस पी सिंह बघेल ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि AB-PMJAY योजना में मिलने वाली गड़बड़ियों की पहचान करने के लिए सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करती है. इस जवाब के बाद CAG रिपोर्ट संसद में पेश की गई. इससे पहले, एस पी सिंह बघेल ने संसद को बताया कि 1 अगस्त 2023 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 24.33 करोड़ कार्ड बनाए जा चुके हैं.

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मोबाइल नंबर में भारी गड़बड़ी
करोड़ों आयुष्मान कार्ड धारकों के बीच कई लाख कार्ड धारक ऐसे हैं जिनकी डीटेल्स में भारी अनियमितता पाई गई है. CAG रिपोर्ट के मुताबिक, कई लाभार्थी ऐसे हैं जिनके मोबाइल नंबर एक ही हैं. लगभग 9.85 लाख लाभार्थी ऐसे हैं जिनका मोबाइल 3 है. वहीं, 7.49 लाख लाभार्थियों का मोबाइल नंबर 9999999999 दर्ज है. इसके अलावा कई लाभार्थियों के मोबाइल नंबर के नाम पर 8888888888, 20, 1435, 185397 और 9000000000 जैसे नंबर भी दर्ज हैं.

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