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Amit Shah Speech: अमित शाह बोले, 'हुर्रियत और पाकिस्तान से नहीं करेंगे चर्चा, सिर्फ घाटी के युवाओं से होगी बात'

No Confidence Motion Debate: अविश्वास प्रस्ताव पर दूसरे दिन की चर्चा जारी है. अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष को घेरा है. पढ़ें पल-पल के अपडेट्स.

Amit Shah Speech: अमित शाह बोले, 'हुर्रियत और पाकिस्तान से नहीं करेंगे चर्चा, सिर्फ घाटी के युवाओं से होगी बात'

लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह.

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डीएनए हिंदी: मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज दूसरे दिन की बहस जारी है. कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने सदन में जोरदार भाषण दिया और सरकार पर हमला बोला. राहुल ने मणिपुर हिंसा से लेकर अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर बात कही. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देशद्रोही है. इन लोगों ने मणिपुर में मेरी भारत माता की हत्या की. वहीं अब उनके इस बयान के बाद संसद में हंगामा और भी बढ़ गया है. राहुल के भाषण के बाद सरकार की ओर से स्मृति इरानी खड़ी हुईं और उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला. अमित शाह ने भी अविश्वास प्रस्ताव पर केंद्र सरकार सरकार का पक्ष रखा और विपक्ष को घेरा.

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हम हुर्रियत, जमीयत और पाकिस्तान से नहीं युवाओं से करेंगे बात


संसद में अमित शाह ने कहा, 'हम हुर्रियत, जमीयत और पाकिस्तान से नहीं, बल्कि कश्मीर घाटी के युवाओं से बात करेंगे. मोदी सरकार ने कश्मीर को आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त कराने के लिए लगातार काम किया है. हमने देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया और देश में 90 से अधिक स्थानों पर छापे मारे। लंदन, ओटावा और सैन फ्रांसिस्को में हमारे दूतावसों पर हमलों से संबंधित मामले एनआईए को सौंप दिए गए. 26/11 तहव्वुर हुसैन राणा को भी जल्द ही भारत में न्यायपालिका का सामना करना पड़ेगा.'

- 370 थी नेहरू की भूल, मोदी ने हटाया
लोकसभा में अमित शाह ने कहा, 'आर्टिकल 370 नेहरू की भूल थी, जिसे मोदी ने हटाया. इसके साथ कश्मीर के अंदर से दो झंडे, दो संविधान खत्म हुए और भारत के साथ इसका पूरा जुड़ाव हुआ. उन्होंने विपक्ष से जुड़े एक NGO की रिपोर्ट देखी थी. उसमें लिखा था कि समस्या सुलझाने के लिए हुर्रियत से चर्चा करो. जमीयत से चर्चा करो, पाकिस्तान से चर्चा करो. हम इनमें से किसी से भी चर्चा नहीं करेंगे. हम चर्चा करेंगे तो घाटी की जनता से करेंगे. वो हमारे अपने हैं. अब कश्मीर में किसी आतंकी का जनाजा नहीं निकाला जाता है, क्योंकि जिसको जहां मारा जाता है, वहीं दफन कर दिया जाता है.'

-13 बार हुए लॉन्च पर रहे फेल, लोकसभा में राहुल पर अमित शाह का तंज

अमित शाह ने कहा, 'इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिन्हें 13 बार लॉन्च किया गया और 13 ही बार विफल रहे. उनका एक लॉन्च मैंने भी देखा जब वे बुंदेलखंड की महिला कलावती से मिलने गए थे. लेकिन उन्होंने कलावती के लिए क्या किया? कलावती को घर, बिजली, गैस आदि देने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया.'

अमित शाह ने कहा, 'यह समझना होगा कि वे (UPA) जनधन योजना का विरोध क्यों कर रहे थे? पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि जब केंद्र से 1 रुपया भेजा जाता है, तो लाभार्थी तक केवल 15 पैसे ही पहुंचते हैं. लेकिन आज, आज पूरी राशि गरीबों तक पहुंचती है.'

- 'पीएम मोदी ने खत्म किया करप्शन और वंशवाद'
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, 'पीएम मोदी सरकार ने कुछ ऐतिहासिक फैसले लिए और वंशवाद एवं भ्रष्टाचार को खत्म किया. यूपीए का चरित्र सत्ता की रक्षा करना है लेकिन एनडीए सिद्धांत की रक्षा के लिए लड़ता है.'

'पीएम के प्रति किसी को अविश्वास नहीं'
अमित शाह ने कहा, 'अबतक लोकसभा में 27 अविश्वास और 11 विश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं. इस बार पीएम मोदी और मंत्रीमंडल के प्रति किसी को अविश्वास नहीं है. इसका मकसद सिर्फ जनता में भ्रांति पैदा करना है. दो तिहाई बहुमत से दो बार NDA को चुना गया. सरकार अल्पमत में होने का मतलब ही नहीं है. आजादी के बाद देश में सबसे लोकप्रिय पीएम नरेंद्र मोदी हैं. 9 साल में पीएम ने 50 से ज्यादा ऐसे फैसले लिए जो युगों तक याद रखें जाएंगे.'

- अमित शाह ने गिनाए राजनीति के तीन नासूर
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि भारतीय राजनीति को तीन नासूर- भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण ने घेर लिया था. पीएम मोदी ने इसे दूर किया. भ्रष्टाचार क्विट इंडिया,  परिवारवाद क्विट इंडिया, तुष्टिकरण क्विट इंडिया. 

लोकसभा में अमित शाह ने कहा है कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण ने भार को घेर लिया था. पीएम मोदी ने इसे दूर किया. अमित शाह ने कहा कि जो कांग्रेस ने कहा है उसे हमने कर दिखाया है.

अविश्वास प्रस्ताव पर क्या बोले अमित शाह?
अमित शाह ने कहा, 'अविश्वास प्रस्ताव से गठबंधन के चेहरे उजागर होते हैं. तीन का जिक्र करूंगा. दो यूपीए सरकार के खिलाफ थे. एक NDA के खिलाफ. 1993 में नरसिम्हा सरकार थी. उसके खिलाफ प्रस्ताव आया. नरसिम्हा को सरकार किसी भी तरह सत्ता में बने रहना था. नरसिम्हा अविश्वास प्रस्ताव जीत गई. बाद में कई लोगों को जेल की सजा हुई, इसमें नरसिम्हा राव भी शामिल थे. क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को घूस देकर प्रस्ताव पर विजय प्राप्त की गई. आज कांग्रेस और मुक्ति मोर्चा भी वहीं है.

अमित शाह ने कहा, '2008 में मनमोहन सरकार विश्वास प्रस्ताव लेकर आई. ऐसा वातावरण था कि इनके पास बहुमत नहीं है. बहुमत था भी नहीं. उस वक्त सबसे कलंकित घटना देखी गई. सांसदों को करोड़ो रुपये की घूस दी गई. कुछ सांसद सदन के सामने आए और संरक्षण मांगा. हालांकि, तब सरकार को बचा लिया गया था.'

अमित शाह ने कहा, 'यूपीए का चरित्र यह है कि अविश्वास प्रस्ताव आए या विश्वास प्रस्ताव लाना पड़े इससे बचने के लिए सारे सिद्धांत, चरित्र, कानून, परंपरा से सत्ता को संभालना होता है. वहीं 1999 में अटल सरकार थी. अविश्वास प्रस्ताव आया. कांग्रेस ने जो किया वो हम भी कर सकते थे. घूस देके सरकार बचा सकते थे. लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. अटल वाजपेयी ने अपनी बात रखी और कहा कि संसद का जो फैसला है वह माना जाए. सिर्फ एक वोट से सरकार चली गई. UPA की तरह हम सरकार नहीं बचा सकते थे? बचा सकते थे लेकिन कई बार प्रस्ताव के वक्त चरित्र उजागर होता है. कांग्रेस का चरित्र भ्रष्टाचार का है. वहीं बीजेपी चरित्र सिद्धांत के लिए राजनीति करने वाला है. वाजपेयी की सरकार गई लेकिन अगली बार भारी बहुमत से वह जीते और पीएम बने.'

- मेरे सामने भाग गए: स्मृति ईरान ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, 'ये सदन में मेरे सामने से भाग गए.' बता दें कि राहुल गांधी अपना भाषण खत्म करने के बाद सदन से निकल गए और अब वो राजस्थान के लिए रवाना हो रहे हैं.

- स्मृति इरानी का पलटवार: राहुल की बात का जवाब देते हुए स्मृति इरानी ने कहा, 'पहली बार सदन में भारत माता की हत्या की बात की गई. भारत माता की हत्या की बात पर ताली बजा रहे हैं. ताली बजाने वाले कांग्रेस के लोगों के मन में गद्दारी है. मैं आज हिंदुस्तान को कहती हूं मणिपुर विभाजित नहीं है.'

- दो लोगों की आवाज सुनते हैं पीएम मोदी: राहुल गांधी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की आवाज नहीं सुनते हैं. सिर्फ दो लोगों की आवाज सुनते हैं. एक अडाणी और एक अमित शाह. रावण भी सिर्फ दो लोगों की बात सुनता था, एक मेघनाथ और एक कुंभकर्ण. राम ने रावण को नहीं मारा, अहंकार ने उसे मारा. आप भी पूरे देश में आग लगा रहे हो. आपने मणिपुर में केरोसिन फेंका और उसे जला दिया आज हरियाणा भी जला दिया. धन्यवाद'

- आप देशद्रोही हो, आपने मेरी मां की हत्या की मणिपुर में: राहुल ने कड़े शब्दों में सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आप लोगों ने भारत माता की हत्या की है. आप देश भक्त नहीं, देशद्रोही हो. आप लोगों ने मणिपुर की हत्या की है. आप भारत माता के रखवाले नहीं भारत माता के हत्यारे हो. जब तक आप हिंसा को बंद नहीं करोगे आप मेरी मां की हत्या कर रहे हो. आप सेना को चार्ज दो एक दिन में शांति आ सकती है. 

- मणिपुर का दूसरा उदाहरण: राहुल ने कहा कि ऐसा ही एक और  कैंप का किस्सा आपको सुनाता हूं. राहुल बोले, 'जैसे ही मैंने दूसरे कैंप में एक महिला से पूछा तुम्हारे साथ क्या हुआ. ये सुनते ही वो कांपने लगी और बेहोश हो गई. ये मैंने सिर्फ दो उदाहरण दिए हैं. स्पीकर साहब इन्होंने (मोदी सरकार) मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है, देश का कत्ल किया है.'

- आपने मणिपुर को बांट दिया: राहुल गांधी ने मणिपुर के मुद्दे पर अपने भाषण में कहा, 'कुछ ही दिन पहले मैं मणिपुर गया. हमारे प्रधानमंत्री नहीं गए आज तक नहीं गए. क्योंकि उनके लिए मणिपुर देश का हिस्सा नहीं है. आज की सच्चाई ये है कि मणिपुर नहीं बचा है, आपने उसे दो हिस्सों में बांट दिया है.' राहुल ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं रिलीफ कैंप में गया, प्रधानमंत्री नहीं गए. मुझे वहां एक महिला मिली, मैंने उससे कहा- बहन क्या हुआ तुम्हारे साथ. वो कहती है मेरा एक ही बच्चा था. मेरी आंखों के सामने उसको गोली मारी है. मैं पूरी रात उसकी लाश के साथ लेटी रही. मैं उनसे पूछा, आप अपने साथ कुछ तो लाई होगी तो उसने मुझे एक फोटो दी. 

- भारत देश की आवाज है: राहुल गांधी ने कहा, 'भाईयों और बहनों, लोग कहते हैं कि ये देश है, कोई कहता है ये अलग-अलग भाषाएं, कोई कहता है ये सोना है चांदी है. लेकिन ये देश सिर्फ एक आवाज है. ये देश लोगों की आवाज है. अगर हमें आवाज को सुनना है तो हमें अपना अहंकार मिटाना होगा, अपने सपनों को अलग करना होगा. तब जाकर हमें देश की आवाज सुनाई देगी.'

- जबरदस्त दर्द में चलता रहा: राहुल गांधी ने कहा, उनके घुटने में पुरानी इंजरी थी. दो तीन दिन में मेरा दर्द बेहद बढ़ा. रोज मैं डर-डर के चलता था कि क्या मैं कल चल पाउंगा. लेकिन जब भी ये दर्द बढ़ता था तभी कोई न कोई शक्ति मेरी मदद करती थी. एक दिन खूब दर्द हुआ, तब एक बच्ची ने मुझे खत दिया, जिसमें लिखा था, 'राहुल मैं तुम्हारे साथ चल रही हूं'. इसने मुझे फिर ताकत दी.

- 130 दिनों के लिए भारत के एक कोने से दूसरे कोने गया: राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल मैं भारत के एक कोने से दूसरे गए. मैं समुद्र के तट से कश्मीर की बर्फीली पहाड़ी तक चला. बहुत सारे लोगों ने मुझसे पूछा यात्रा के बाद कि राहुल तुम क्यों चल रहे हो, तुम्हारा लक्ष्य क्या है. कन्याकुमारी से कश्मीर क्यों जा रहे हो. शुरू में मेरे पास इस बात का जवाब नहीं था. मुझे लगा मैं लोगों के बीच जाना चाहता हूं पर गहराई से मुझे मालूम नहीं था. पर मुझे समझ आया जिस चीज से मुझे प्यार था. जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार था, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी की जेल में जाने को तैयार हूं. जिस चीज के लिए मैंने 10 साल हर रोज गाली खाई, मैं उसे समझना चाहता था.

- राहुल गांधी का भाषण जारी है. उनके बोलते ही संसद में हंगामा शुरू हो गया है. राहुल ने कहा कि आज मैं अडाणी पर बोलने पर नहीं जा रहा हूं. ऐसे में बीजेपी के मेरे मित्रों को डरने की जरूरत नहीं है.

- कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद पहुंच चुके हैं.

- दूसरी तरफ, संसद में जाने से पहले केंद्र सरकार भी कैबिनेट मीटिंग कर रही है. मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर लाए गए इस अविश्वास प्रस्ताव के बारे में कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों का कहना है कि उन्हें पता है कि वे अविश्वास प्रस्ताव में मोदी सरकार को हरा नहीं सकती हैं लेकिन उनकी सफलता इसी में है कि इसी बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आकर जवाब देना पड़ेगा.

- राहुल गांधी के संबोधन से पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने निशिकांत दुबे पर पलटवार करते हुए कहा, 'ये लोग देश के लिए नहीं सोचते, समाज के लिए नहीं सोचते, मणिपुर के लिए नहीं सोचते, सिर्फ राहुल गांधी जी और उनके परिवार को गाली देना ही इनका फर्ज बनता है. इन लोगों को और कुछ नहीं आता है. आखिर मोदी, मोदी सरकार और उनके सारे नुमाइंदे राहुल गांधी से इतना क्यों डरते हैं? ये मुझे बड़ा हैरान करता है.'

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मंगलवार से जारी है चर्चा
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार से ही सदन में चर्चा जारी है. पहले दिन निशिकांत दुबे, नारायण राणे, श्रीकांत शिंदे जैसे नेताओं ने सत्ता पक्ष की ओर से और कांग्रेस की ओर से सांसद गौरव गोगोई ने बहस की. अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को पीएम मोदी सदन में जवाब दे सकते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि इसी दिन अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग भी होनी है. सत्ता पक्ष के पास प्रचंड बहुमत होने के नाते यह प्रस्ताव लोकसभा में ही गिर जाने की पूरी उम्मीद है.

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