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Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत नहीं तो कौन सही, राजस्थान में क्या है सत्ता का खेल? 10 पॉइंट्स में समझें

Congress Crisis: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए हैं. कुमारी शैलजा को अब शीर्ष पद के लिए चुना जा सकता है.

Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत नहीं तो कौन सही, राजस्थान में क्या है सत्ता का खेल? 10 पॉइंट्स में समझें

सचिन पायलट और अशोक गहलोत. (फाइल फोटो-PTI)

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डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस की अंदरुनी कहल दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है. एक बार फिर सचिन पायल के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री पद छोड़ने से अशोक गहलोत ने इनकार कर दिया है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि जब तक कि अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है. 

राजस्थान का राजनीतिक ड्रामा ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को एक बार फिर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि पार्टी को 'प्लान बी' भी तैयार रखना चाहिए था. कांग्रेस अलाकमान की यह रणनीति थी कि अशोक गहलोत को ही अधअयक्ष बनाया जाए.  

सिर्फ अशोक गहलोत ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अध्यक्ष पद में उतरने से इनकार कर दिया. अब कांग्रेस के पास केवल मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे और कुमारी शैलजा जैसे नेताओं का सहारा है. चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक दिन पहले तक कांग्रेस पार्टी के भविष्य थे लेकिन एक दिन में सब बदल गया. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा पार्टी की कमान संभाल सकती हैं. यह भी दावा किया जा रहा है कि केसी वेणुगोपा राहुल गांधी की पहली पसंद हैं.

अशोक गहलोत गुट के कांग्रेस नेता शांति कुमार धारीवाल ने दिगग्ज नेता अजय माकन पर आरोप लगाए हैं कि वह अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए लामबंदी कर रहे हैं उन्होंने आरोप लगाया कि वह सचिन पायल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कोशिशों में जुटे हैं.

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अशोक गहलोत के समर्थन में 80 से ज्यादा विधायकों ने कहा था कि वे सचिन पायलट की नियुक्ति के खिलाफ हैं. सचिन पायल पहले भी अशोक गहलोत के खिलाफ अपनी ताकत दिखा चुके हैं. साल 2020 में उन्होंने सीएम पद हासिल करने के लिए भरपूर लामबंदी की थी. मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को राजस्थान संकट पर बुधवार को सौंपने वाले हैं.

राजस्थान के सियासी ड्रामें में अब तक क्या कुछ हुआ?

1.  
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी विधायकों के खुले विद्रोह के बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को पार्टी पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से राजस्थान में विद्रोह पर एक लिखित रिपोर्ट मांगी थी. अशोक गहलोत अब कांग्रेस अध्यक्ष का पद नहीं संभालेंगे. 

2.  मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दिल्ली लौट गए हैं. अजय माकन पर गहलोत गुट ने आरोप लगाए हैं कि वह सचिन पायलट को सीएम बनाने के इच्छुके हैं. महेश जोशी और शांति धारीवाल का रुख उन्हें रास नहीं आया है इसलिए वह चाहते हैं कि कांग्रेस हाई कमान इन नेताओं के खिलाफ एक्शन ले.

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3. कांग्रेस अलाकमान पर सचिन पायलट के खिलाफ दबाव बनाने के लिए गहलोत गुट के विधायक इस्तीफा देने तक के लिए तैयार हो गए. गहलोत के समर्थक नहीं चाहते हैं कि किसी भी कीमत पर सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद संभालें.

4. अशोक गहलोत के करीबी शांति धारीवाल ने सोमवार को अजय माकन पर सचिन पायलट के लिए गेम प्लान तैयार करने का आरोप लगाया था. 

5. सोनिया गांधी के करीब 1 घंटे की बैठक के बाद अजय माकन ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएलपी मीट नहीं हो सकी. केसी वेणुगोपाल भी इस बैठक में शामिल रहे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक अनुशासनहीनता में शामिल हैं.

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6.  राजस्थान विधानसभा में चीफ व्हिप सीपी जोशी ने कहा है कि चाहे किसी को भी मुख्यमंत्री बना दिया जाए किसी विधायक को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. हालांकि ऐसे हालात बनते नजर नहीं आ रहे हैं.

7. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 82 विधायकों का समर्थन अशोक गहलोत के पास है. ये सभी विधायकों ने अगली रणनीति पर भी चर्चा की है. विधायकों का कहना है कि 2020 के संकट के दौरान जिन लोगों ने कांग्रेस सरकार का साथ दिया था उन्हें ही सत्ता सौंपी जाए. 2020 में सचिन पायलट के साथ कुल 18 विधायकों ने अशोक गहलोत के खिलाफ आवाज उठाई थी. 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में कांग्रेस के पास कुल 108 विधायक हैं.

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8. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पवन कुमार बंसल ने भी नामांकन पत्र लिया है. उन्होंने इसे दाखिल किया है या नहीं इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं सामने आई है. अब तक सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी से शशि थरूर और पवन बंसल ने ही नॉमिनेशन फॉर्म लिया है. 

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9. अब अशोक गहलोत के सामने कम विकल्प बचे हैं. वह कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हट चुके हैं. राजस्थान का सीएम बने रहने का उनके सामने विकल्प है. अगर उनकी पसंद से राजस्थान का सीएम चुना जाता है तो वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं.

10. राजस्थान संकट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वेट एंड वॉच का रुख अपनाया है. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लिए बीजेपी के दरवाजे खुले हैं. अगर सचिन पायलट सीएम नहीं बनाए जाते हैं ऐसा हो सकता है कि वह कांग्रेस के खिलाफ बगावत पर उतर आएं.

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