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पहले इस्तीफा, फिर विचार, अब कहा 'कमेटी का फैसला मंजूर', आखिर शरद पवार ने खेला ये कौनसा गेम?

Sharad Pawar Resignation: शरद पवार के इस्तीफे के बाद से ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कार्यकर्ता लगातार विरोध कर रहे हैं. बेहद दबाव के बाद पवार ने इस्तीफे पर पुनर्विचार की बात कही थी.

पहले इस्तीफा, फिर विचार, अब कहा 'कमेटी का फैसला मंजूर', आखिर शरद पवार ने खेला ये कौनसा गेम?

Sharad Pawar

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डीएनए हिंदी: Maharashtra Politics- शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा ने पूरे देश को चौंका रखा है. देश की राजनीति में तीसरे कोने की भूमिका निभाने वाली पवार के इस्तीफे को लेकर उनकी पार्टी के अंदर चल रही गहमागहमी पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. पार्टी कार्यकर्ता पूरे महाराष्ट्र में धरने-प्रदर्शनों के जरिये लगातार उन पर अपना इस्तीफा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. ऐसे में उन्होंने इस पर दोबारा विचार की बात भी बुधवार को कही थी, लेकिन महज इतना कहने से कार्यकर्ता मानने को तैयार नहीं हो रहे हैं. इसके चलते शरद पवार ने गुरुवार को एक बार फिर कहा कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए गठित पार्टी कमेटी का फैसला उन्हें मंजूर होगा. माना जा रहा है कि इसके जरिये पवार ने इशारा कर दिया कि वे अध्यक्ष पद को दोबारा संभालने के लिए तैयार हैं. ऐसे में अब शुक्रवार को आने वाला कमेटी का फैसला महज औपचारिकता रह गया है.

क्या कहा है शरद पवार ने आज

शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि वे कार्यकर्ताओं की मांग का सम्मान करते हैं. मुझे इस बात का दुख है कि मैंने इस्तीफा देने का फैसला कार्यकर्ताओं से बात किए बिना ही ले लिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि 5 मई को आने वाला 15 सदस्यीय कमेटी का फैसला मुझे पूरी तरह मंजूर होगा.

क्या कह रहे हैं पार्टी सूत्र

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को इस्तीफे के ऐलान के बाद बुधवार को शरद पवार ने इस पर दोबारा विचार करने की बात कही थी. इसके साथ ही तय हो गया था कि वे दोबारा इस पद पर वापस लौटेंगे. हालांकि वे अध्यक्ष पद पर बने रहने के साथ ही पार्टी के अंदर लोकतांत्रिक सिस्टम होने का संदेश भी अपने कार्यकर्ताओं और दूसरे दलों को देना चाहते हैं. खासतौर पर वह सीधे अध्यक्ष बनकर भाजपा को हमला करने का मौका नहीं देना चाहते, जो पहले से ही विपक्षी दिग्गजों पर अपनी पार्टियों को घर की दुकान की तरह चलाने का आरोप लगाती रहती है. सूत्रों का कहना है कि इसी कारण 82 साल के पवार ने कमेटी के फैसले के जरिये अध्यक्ष पद पर लौटने का रास्ता चुना है.

'एक पंथ दो काज' पर है पवार की नजर

सूत्रों का यह भी कहना है कि इस कदम के जरिये पवार की नजर 'एक पंथ, दो काज' वाली कहावत सिद्ध करने पर है. वे अध्यक्ष पद पर लौटकर पार्टी पर नियंत्रण भी बनाए रखेंगे और पार्टी के अंदर पिछले दिनों उनके भतीजे अजित पवार की मौन बगावत के कारण दिख रहे बिखराव को खत्म कर कार्यकर्ताओं को भी दोबारा एकजुट कर पाएंगे. पार्टी के नए अध्यक्ष का चयन करने के लिए मुंबई के यशवंत राव चव्हाण सेंटर में 15 सदस्यीय कमेटी की मीटिंग बुधवार को हुई है. इसमें भी शरद पवार को मनाने की बात उठी है. हालांकि उनके नहीं मानने की स्थिति में अजित पवार, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल का नाम भी उठा है. प्रफुल्ल पटेल ने इसके बाद ही खुद को अध्यक्ष पद के लिए तैयार नहीं बताते हुए एक तरीके से अपना नाम वापस ले लिया था. अब यदि कमेटी शरद पवार को ही दोबारा जिम्मेदारी देती है तो अजित और सुप्रिया भी विरोध नहीं करने वाले हैं.

निकल सकता है बीच का भी रास्ता

माना यह भी जा रहा है कि कमेटी कोई बीच का रास्ता भी निकाल सकती है. इस रास्ते में पवार को आजीवन अध्यक्ष जैसा पद दिया जा सकता है, जबकि पार्टी के रोजमर्रा के संगठनात्मक काम निपटाने के लिए किसी कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है. इसका इशारा मंगलवार को ही शरद पवार से मिलने के बाद अजित पवार ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच किया था. 

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