Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

'राम मंदिर से 45 साल बाद मिटी मन की पीड़ा' प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या पहुंचे पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा

Ram Mandir Pran Pratishtha Updates: एस्सल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा उन चुनिंदा अतिथियों में शामिल हैं, जिन्हें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी बनने के लिए न्योता भेजकर बुलाया है.

Latest News
'राम मंदिर स�े 45 साल बाद मिटी मन की पीड़ा' प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या पहुंचे पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा

Essel Group के चेयरमैन व पूर्व राज्य सभा सांसद Dr. Subhash Chandra राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अतिथि के तौर पर अयोध्या पहुंचे हैं.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: Ayodhya News- अयोध्या में 550 साल बाद राम मंदिर में एक बार फिर रामलला विराजमान होने वाले हैं. यह ऐतिहासिक पल है, जिसे भव्य बनाने के लिए अयोध्या में रात-दिन तैयारियां चल रही हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी की दोपहर को अभिजीत मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगी. इस घड़ी का साक्षी बनने के लिए पूरे देश में चुनिंदा लोगों को न्योता भेजा गया है. इन आमंत्रित अतिथियों का अयोध्या पहुंचना शुरू हो गया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित इन चुनिंदा अतिथियों में शामिल Essel Group के चेयरमैन और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा भी अयोध्या पहुंच गए हैं. अपनी मोटिवेशन स्पीच से लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाले डॉ. चंद्रा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की खुशी को अपने ही शब्दों में बयान किया. Zee News से खास 'श्रीराम संवाद' में उन्होंने 45 साल पहले एक युवा के तौर पर अयोध्या पहुंचकर भगवान राम की धरती पर उनका मंदिर नहीं होने की पीड़ा बताई और यह पीड़ा अब राम मंदिर का सपना साकार होता देखकर दूर होने की बात कही है. साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान राम के आदर्शों और अच्छाइयों से सबको सीखने की जरूरत है. राम राज्य में हर कोई स्वतंत्र था और कोई किसी पर अत्याचार नहीं करता था.

जय श्रीराम के उद्घोष से शुरू की बात

डॉ. चंद्रा ने जय श्रीराम के उद्घोष के साथ अपनी बात कही. उन्होंने कहा, मैं 45 साल बाद अयोध्या आया हूं. 45 वर्ष पहले एक युवा के नाते जब यहां आया था तो मन में पीड़ा थी. एक पीड़ा थी कि जिस रामायण को पढ़कर, रामलीलाओं को देखकर हम बचपन से बड़े हुए, अयोध्या के बारे में बहुत सारी कथाएं सुनीं. उन्होंने आगे कहा, जिस जगह भगवान राम का जन्म हुआ, वहां पर एक विदेशी व्यक्ति, ये बात मेरे मुस्लिम भाइयों को भी समझनी चाहिए कि यहां जो पहले मंदिर होता था, उसे तोड़ने वाले भारत के मुस्लिम नहीं थे. ऐसा करने वाला एक बाहरी विदेशी व्यक्ति था, वो आततायी था, जिसने मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनाई थी.

'अयोध्या को देखकर मन में पीड़ा होती थी'

डॉ. चंद्रा ने कहा, ये देखकर मन में पीड़ा होती थी, ये लगता था कि हमारे भारत के नागरिक होते हुए भी और भारत के 1947 में आजाद हो चुका. फिर भी जो हमारे ऊपर जिन लोगों ने आक्रमण करके राज किए, उन शासकों ने हमारे देश की संस्कृति, उसके पूजा स्थल, उनके आस्था के मंदिर तोड़े और ध्वस्त किए. क्यों नहीं हमारा अपना जब स्वराज हुआ है तो उसको (ध्वस्त किए गए स्थल) वापस किया जा सके. उन्होंने कहा, इसका उत्तर उस समय भी एक युवा व्यक्ति के नाते मुझे किसी ने नहीं दिया. कुछ राजनीतिक मित्रों से पूछा तो उन्होंने भी कहा कि सुभाष जी राजनीति है तुम नहीं समझोगे. तुम बच्चे हो. उस समय यह पीड़ा लेकर मैं यहां से गया था.

'भगवान राम के आदर्शों से सबको सीखने की जरूरत'

डॉ. चंद्रा ने कहा, आज जब मैं यहां (अयोध्या) आया हूं 2024 में, 20 जनवरी के दिन तो मन में एक उल्लास है, एक भावना है इस प्रकार की कि मैं स्वतंत्र हूं, मेरा देश स्वतंत्र है और मेरे देश के नागरिक स्वतंत्र हैं. भगवान राम के आदर्शों और अच्छाइयों से सबको सीखने की जरूरत है. भगवान राम ने भी जब रामराज्य किया, तो उनकी भी कथा में बहुत सारी चीजें मिलती हैं, जिसमें सबको बोलने की आजादी थी. स्वतंत्रता होते हुए भी कोई एक-दूसरे को कष्ट नहीं देता था. लेकिन जो माहौल हमने पिछले 40-50 वर्षों में आज के 15 साल पहले तक देखा, वो दुखदायी था. वो स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी कह देते थे. 

'ब्रिटिशराज में भी रुपये पर भगवान की मूर्तियां थीं'

डॉ. चंद्रा ने कहा, ब्रिटिश समय में, ब्रिटिशराज के दौरान जो रुपये का करेंसी नोट था, उस पर भी भगवान की मूर्तियां थीं. बहुत सारी ऐसी चीजें थीं, जिन्हें आजादी के बाद हटा दिया गया, लेकिन इसका कोई भी स्पष्टीकरण आज तक कोई नहीं देता है. ये भावनाएं आज मेरे मन में हैं.

माना जा रहा है कि डॉ. चंद्रा सोशल मीडिया की उस चर्चा पर टिप्पणी कर रहे थे, जिसमें भारत सरकार द्वारा जल्द ही नोट पर भगवान राम की तस्वीर छापने का दावा किया जा रहा है. हालांकि सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि उसकी तरफ से ऐसी कोई योजना नहीं है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement