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Manipur Violence: दिल दहलाने वाला नया केस, दो युवतियों पर 100 लोगों की भीड़ का अटैक, गैंगरेप के बाद कर दी थी हत्या

Manipur Women Rape: महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने के वायरल वीडियो पर पहले ही हंगामा मचा हुआ है. अब कुकी आदिवासी महिलाओं से जघन्य हरकत की यह दूसरी वारदात सामने आ गई है.

Manipur Violence: दिल दहलाने वाला नया केस, दो युवतियों पर 100 लोगों की भीड़ का अटैक, गैंगरेप के बाद कर दी थी हत्या

Manipur में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के एक और आरोपी का घर लोगों ने जला दिया है.

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डीएनए हिंदी: Manipur Violence News- मणिपुर में कुकी आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करने के बाद सड़कों पर घुमाने के वीडियो से पूरे देश में आक्रोश है. यह वीडियो वायरल होने के दो दिन बाद ऐसी ही एक और जघन्य घटना सामने आ गई है, जिसमें दो अन्य महिलाओं का अपहरण करने के बाद उनके साथ गैंगरेप किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई. यह घटना भी Zero FIR के तहत उसी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी, जिसमें वायरल वीडियो वाली महिलाओं के साथ बदसलूकी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. कुकी-जोमी समुदाय की इन महिलाओं के साथ गैंगरेप करने के बाद हत्या करने के इस मामले करीब 80 दिन बीतने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. मृतकाओं के परिवारों को आज तक पुलिस ने इस केस को लेकर कभी संपर्क भी नहीं किया है. पुलिस अधिकारी पहले से ही महिलाओं से बदसलूकी के कारण हर तरफ बने आक्रोश के माहौल में इस केस को लेकर बोलने को तैयार नहीं हैं.

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5 मई को इंफाल ईस्ट में रेप के बाद क्रूरता से हुई थी हत्या

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, कुकी-जोमी समुदाय की युवतियों की 5 मई (हिंसा शुरू होने के दो दिन बाद) को इंफाल ईस्ट में 'नृशंस तरीके से हत्या' कर दी गई थी. महज 21 और 24 साल की ये युवतियां इंफाल ईस्ट (Imphal East) में एक कार धुलाई सेंटर पर काम करती थीं और उनकी हत्या किराये के उसी कमरे में की गई, जहां वे रहती थीं. 

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100 लोगों की भीड़ ने हमला किया, गैंगरेप के बाद हत्या

युवतियों की मां ने घटना के 11 दिन बाद अपने गृह जिले कांगपोकपी के सैकुल पुलिस स्टेशन में इस घटना की शिकायत दी, जिसे पुलिस ने Zero FIR के तहत दर्ज कर लिया. शिकायत में मां ने कहा कि दोनों युवतियों के किराये के कमरे पर कम से कम 100 लोगों की भीड़ ने हमला किया था. इसके बाद उनके साथ गैंगरेप किया गया. रेप करने वालों की संख्या दर्जनों में थी. इस दौरान दोनों को क्रूरता की हद पार कर देने वाले तरीकों से टॉर्चर किया गया, जिससे उनकी मौके पर ही तड़प-तड़पकर मौत हो गई. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों युवतियों के अपहरण, रेप और हत्या का मुकदमा Zero FIR के तहत दर्ज किया था.

पुलिस ने 1 महीने बाद ट्रांसफर की FIR

पुलिस ने इस मामले में भी निर्वस्त्र करके घुमाए जाने वाली घटना की तरह घोर लापरवाही दिखाई है. वह घटना भी सैकुल पुलिस स्टेशन में ही दर्ज की गई थी. उस मामले की तरह इस घटना को भी पुलिस ने बेहद लापरवाही से लिया. 16 मई को एफआईआर दर्ज होने के करीब एक महीने बाद 13 जून को इसे इंफाल ईस्ट के पोरोम्पट पुलिस थाने को ट्रांसफर किया गया, जहां ये क्राइम हुआ था.

पीड़ित परिवारों को नहीं मिली पोस्टमार्टम की रिपोर्ट

Indian Express की रिपोर्ट में मृत युवतियों के चचेरे भाई के हवाले से कहा गया कि हमारे परिवार को इंफाल ईस्ट पुलिस ने इस घटना की जानकारी करीब 2 सप्ताह बाद दी थी. वहां 5 मई को हुई हत्या की जानकारी 16 मई को मिलने पर हमने रिपोर्ट दर्ज कराई. घटना की जानकारी भी तब मिली, जब पुलिसकर्मी हमारी बहनों की लाशों के फोटो लेकर उनकी पहचान कराने के लिए पहुंचे. हमें आज तक उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक नहीं दी गई है. 

दो महीने बाद भी जांच की कोई जानकारी नहीं

मृत युवतियों के भाई ने यह भी कहा कि दो महीने बीतने के बाद भी इस केस की जांच की कोई जानकारी उन्हें नहीं मिली है. पुलिस ने ना तो उनसे संपर्क किया है और ना ही उन्हें कोई जानकारी दी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस केस में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. Indian Express की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बारे में DGP मणिपुर राजीव सिंह और इंफाल ईस्ट जिले के पुलिस अधीक्षक शिवाकांत ने कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया है.

राष्ट्रीय महिला आयोग से शिकायत भी बेकार

इस केस में पुलिस लापरवाही की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से भी हो चुकी है. यह मामला नॉर्थ अमेरिकी मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन ने 12 जून को अन्य केस के साथ आयोग के सामने रखा था. इसके बाद 13 जून को सैकुल पुलिस स्टेशन से एफआईआर इंफाल ईस्ट ट्रांसफर की गई. इसके अलावा केस में कोई और प्रगति नहीं हुई है.

क्या होती है Zero FIR, कैसे होता है इसका इस्तेमाल

शून्य एफआईआर (Zero FIR) उस मुकदमे को कहते हैं, जो किसी अन्य जगह हुए मामले के लिए किसी भी पुलिस थाने में दर्ज कराया जाता है.  इसे आसान भाषा में समझें तो यदि आपके साथ कोई अपराध A पुलिस स्टेशन के एरिया में हुआ है तो आप उसकी रिपोर्ट B पुलिस स्टेशन में भी जाकर दर्ज करा सकते हैं. इस रिपोर्ट को B पुलिस स्टेशन Zero FIR के तहत दर्ज करता है यानी वहां इसे कोई क्राइम नंबर नहीं दिया जाता है. इसके बाद वह पुलिस स्टेशन इस एफआईआर को संबंधित पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर कर देता है, जहां इसे क्राइम नंबर देकर नए सिरे से दर्ज किया जाता है. इसका उपयोग कई बार उन मामलों में भी किया जाता है, जब अपराध होने के बावजूद पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है.

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