Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Monsoon Forecast 2023: गर्मी के बीच बुरी खबर, पढ़ें कितना लेट पहुंचेगा मानसून और क्या रहेगी आने की तारीख

IMD Monsoon Forecast: आमतौर पर केरल के रास्ते भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने का सामान्य समय 1 जून है. इस बार इसके चार दिन देरी से पहुंचने की संभावना जताई जा रही है, जिसका असर खेती पर पड़ेगा.

Monsoon Forecast 2023: गर्मी के बीच बुरी खबर, पढ़ें कितना लेट पहुंचेगा मानसून और क्या रहेगी आ��ने की तारीख

Monsoon Update

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: Weather Forecast- अप्रैल में बेमौसमी बारिश के बाद मई में शुरू हुई भयंकर हीटवेव (Heat Wave) के बीच एक और बुरी खबर सामने आई है. इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने तय समय से 3 से 4 दिन की देरी से भारत में प्रवेश करेगा. भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) के मुताबिक, मानसून (Monsoon) के 4 जून से 5 जून तक केरल में प्रवेश करने की संभावना है. सामान्य तौर पर मानसूनी हवाएं केरल में 1 जून को प्रवेश करती हैं, लेकिन इस बार देरी से आने के आसार दिखाई दे रहे हैं. IMD की तरफ से इस बार मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई गई थी. ऐसे में देश में उसके देरी से प्रवेश करने को अच्छी खबर नहीं माना जा रहा है. 

पिछले साल आया था तीन दिन जल्दी मानसून

केरल में पिछले साल मानसून तीन दिन जल्दी 29 मई को ही पहुंच गया था, जबकि साल 2021 में यह 1 जून को आया था. केरल में मानसून की एंट्री के बाद ही भारत में चार महीने के मानसूनी सीजन की शुरुआत मानी जाती है, जो देश में खरीफ की फसल के लिए बेहद अहम मानी जाती है और इसे भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार माना जाता है.

मानसून से पहले सताती रहेगी गर्मी

IMD के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, मानसून से पहले देश में हीटवेव का ज्यादा असर रहने की संभावना नहीं है. हालांकि गर्मी सताती रहेगी, लेकिन भयंकर लू जैसे हालात नहीं रहेंगे. उन्होंने बताया कि अगले 7 दिन तक उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा, जिससे इस इलाके में हीटवेव की हालत नहीं होगी. हालांकि तापमान फिर भी 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहेगा.

सामान्य रहेगी इस साल बारिश

IMD ने पहले ही इस साल मानसूनी बारिश के सामान्य रहने की संभावना जताई थी. प्रशांत महासागर में अल नीनो की स्थिति बनने के कारण मानसून के कमजोर रहने के आसार थे. इसके बावजूद मौजूदा कारकों को ध्यान में रखकर IMD ने संभावना जताई है कि इस बार बारिश सामान्य रहेगी यानी 96% से ज्यादा ही बारिश होगी. इससे पहले अल नीनो के कारण 90-95% बारिश वाले कमजोर मानसून की संभावना जाहिर की गई थी. भारत में साल 2019 में 110%, साल 2020 में 109%, साल 2021 में 99% और साल 2022 में 106% मानसूनी बारिश हुई थी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement