Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

PM Modi Birthday: देश के गरीबों से लेकर ग्लोबल वर्ल्ड के लीडर तक के नेता हैं पीएम मोदी, विकास ही है जिनका मूलमंत्र

PM Modi Birthday Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब 9 साल तक सत्ता का केंद्र रहने के बावजूद उनकी लोकप्रियता आज भी चरम पर है. वे गरीब से लेकर वैश्विक नेताओं तक सभी के पसंदीदा हैं. इसका कारण क्या है यह बताने की कोशिश कर रहा है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह का यह लेख.

PM Modi Birthday: देश के गरीबों से लेकर ग्लोबल वर्ल्ड के लीडर तक के नेता हैं पीएम मोदी, विकास ही है जिनका मूलमंत्र

Pm Modi की वैश्विक लोकप्रियता का नजारा दिल्ली में आयोजित जी-20 सम्मेलन में खूब दिखा था. (File Photo)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: PM Modi Birthday Celebration- आज देश अपने चहेते प्रधानमंत्री और विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी का 73वां जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता दिलों तो बसे ही हैं. साथ ही, वैश्विक नेताओं की लोकप्रियता से जुड़ी जितनी भी सर्वे रिपोर्ट हाल फिल्हाल आई है, उन सभी में वे सर्वोच्च स्थान पर रहे हैं. भारत की अध्यक्षता में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन को लेकर दुनिया भर के नेताओं ने पीएम मोदी की तारीफ की है. अब मॉर्निंग कंसल्ट के ताजा सर्वे में भी कहा गया है कि 76 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी के नेतृत्व को मंजूरी देते हुए सबसे भरोसेमंद बताया है. इस ताजा सर्वेक्षण से पता चलता है कि पीएम नरेंद्र मोदी की वैश्विक नेताओं के बीच लोकप्रियता बेजोड़ बनी हुई है. ये न केवल विदेश नीति में पीएम के सिद्धांत की सफलता का प्रमाण है, बल्कि लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में पीएम मोदी की उपलब्धियों, उनके जीवन स्तर में सुधार के निस्वार्थ प्रयासों और लोगों के उनके प्रति अटूट विश्वास की वैश्विक मान्यता भी है.

आज ही विश्वकर्मा जयंती भी है. इस मौके पर पीएम विश्वकर्मा योजना को लॉन्च किया जा रहा है. यह योजना पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए है. सरकार 13 हजार से 15 हजार करोड़ रुपये के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेगी. गांव, शहरों में कारीगर हैं जो अपने हाथ के कौशल से जीवन यापन करते हैं. यह योजना विशेष रूप से इन्हीं लोगों जैसे नाई, धोबी, सुतार, राजमिस्त्री, आदि पारंपरिक कौशल कार्य करने वाले लोगों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए लाई गई है. प्रधानमंत्री ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि आज के विश्वकर्मा, कल के उद्यमी बन सकते हैं. 

आज ही केंद्र सरकार आयुष्मान भव कार्यक्रम शुरू कर रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्तियों सहित हर वांक्षित लाभार्थी तक सभी सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं को पहुंचाने के लिए आयुष्मान भव नामक कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है. इस कार्यक्रम के दौरान शिविर लगाए जाएंगे और 60,000 लोगों को आयुष्मान भारत कार्ड दिए जाएंगे. आज ही पीएम मोदी भारत इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर का उद्घाटन करेंगे, जिसे  यशोभूमि नाम दिया गया है.

जहां तक जी20 सम्मेलन की बात है, पिछले दिनों अपने शानदार आयोजन के साथ ही जी20 के  सम्मेलन की सफलतापूर्वक समाप्ति हुई. अपनी भारतीय सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहर को सम्मान देते हुए इस शिखर सम्मेलन में कई ऐतिहासिक फैसले भी लिए गए. जी20 सम्मेलन का सफल आयोजन भारत की बड़ी उपलब्धि है, जिसे लेकर दुनिया भर में भारत का डंका बज रहा है. अब वो जमाना गया, जब भारत दूसरों की अगुवाई में काम करता था. 

जी20 शिखर सम्मलेन में एक ओर जहां अफ्रीकन यूनियन को इसकी सदस्यता देते हुए जी20 का विस्तार किया गया, वहीं दूसरी ओर, तमाम संदेहों को दरकिनार करते हुए भारत ने सर्व-सहमति से दिल्ली घोषणापत्र जारी कर अपने कूटनीतिक कौशल का अभूतपूर्व परिचय दिखलाया.  कोमोरोस यूनियन और अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली असौमानी ने भारत को एक महाशक्ति बताया. अफ्रीकी संघ को जी20 में औपचारिक रूप से शामिल करने के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गले लगाया तो एयू चेयरपर्सन ने कहा कि यह उनके लिए भावनात्मक क्षण था.

इस सम्मेलन की एक अन्य खास बात भारत-अरब-यूरोप कॉरीडोर की घोषणा थी. सैकड़ों अरब डॉलर की इस परियोजना को चीन के बीआरआई इनीशिएटिव का जवाब भी माना जा रहा है और उसके विस्तारवादी रवैये को रोकने की काट भी. सबसे पहले तो हमें यह समझना चाहिए कि जी20 का जिस तरह भारत ने सफल आयोजन किया और पूरी दुनिया को जो एक नया दृष्टिकोण दिया, वही अपने आप में ‘नए भारत’ की पहचान को दर्शाता है. भारत से यूरोप तक जिस ट्रेड रूट को बनाने की संकल्पना पेश की गई है, वह पश्चिम एशिया से होकर गुजरेगा और तैयार हो जाने पर चीन के मॉडर्न सिल्क रूट की काट साबित होगा. इस ट्रेड रूट को आधिकारिक तौर पर भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गालियारा नाम दिया गया है. इसकी अगुवाई भारत और अमेरिका मिलकर करेंगे. इसके तहत कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े पैमाने पर काम होगा. यह ट्रेड रूट भारत को यूरोप से जोड़ेगा और पश्चिम एशिया से होकर गुजरेगा. भारत और अमेरिका के अलावा पश्चिम एशिया से संयुक्त अरब अमीरात व सऊदी अरब और यूरोप से यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली व जर्मनी भी इसका हिस्सा होंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्पष्ट करते आये हैं कि भारत न किसी से आंखें झुकाएगा, न किसी को दिखाएगा, बल्कि आंखें मिलाकर बात करेगा. इसलिए, हम किसी गुट में शामिल नहीं हुए हैं. 2026 में अगर अमेरिकी जी20 की अध्यक्षता करता है तो यह इस कारण नहीं कि हम उसके गुट में हैं, बल्कि इसलिए कि हमारे हित अब हमारे लिए सर्वोपरि हैं. भारतीय विदेश नीति का एक तटस्थता वाला जो दौर है, वह अब भी इसका आधार है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण रूस-यूक्रेन युद्ध है, जहां हमने न तो रूस का पक्ष लिया, न ही यूक्रेन का. हां, हमने हमेशा अपनी यह स्थिति साफ रखी कि बातचीत से ही हरेक समस्या का हल निकालना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोची समझी रणनीति के तहत रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान भी, संवाद स्थापित कर वहां फंसे भारतीय छात्रों को सकुशल स्वदेश लाने की व्यवस्था कराई. भारत का जहां भी निवेश या व्यापार है, वहां हम कल्याणकारी नजरिए से काम कर रहे हैं. आनेवाले समय में एक नई विश्व व्यवस्था कायम होने जा रही है और नया भारत उसमें नेतृत्व की भूमिका में होगा.

डिस्क्लेमर: लेखक सरदार आर पी सिंह भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता हैं. लेख में दिए गए विचार उनके निजी विचार हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement