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Maharana Pratap Jayanti 2022: मुगलों को धूल चटाने वाले महाराणा प्रताप की वीरगाथा जानिए

Maharana Pratap Jayanti 2022: मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप का जन्म ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था. जानिए उनकी वीरता की कहानी

Maharana Pratap Jayanti 2022: मुगलों को धूल चटाने वाले महाराणा प्रताप की वीरगाथा जानिए

महाराणा प्रताप जयंती

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डीएनए हिंदी: आज 9 मई को देशभर में शौर्य और रणनीति में निपुण मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप ( Maharana Pratap Jayanti 2022 ) की जयंती को पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. महाराणा प्रताप की जयंती के दिन राजस्थान में कई जगहों पर शोभायात्रा निकाली गई. अलवर में राजपूत संगठनों के सदस्यों ने शिवाजी पार्क में महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि दी. राजस्थान के साथ-साथ देशभर में भी कई कार्यक्रमों को आयोजित किया जा रहा है. 

मेवाड़ के राजा Maharana Pratap का इतिहास 

इतिहासकारों के अनुसार मेवाड़ के 13वें राजा महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को हुआ था. महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ़ किले में हुआ था जो पाली क्षेत्र में स्थित है. हिंदी कैलेंडर के अनुसार राणा की जयंती ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होती है. 2022 में यह तिथि 2 जून को पड़ रही है. 

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महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह द्वितीय मेवाड़ के 12वें शासक थे और उन्होंने उदयपुर क्षेत्र की स्थापना की थी. प्रताप उदय सिंह के सबसे बड़े पुत्र थे. प्रताप के तीन भाई और दो सौतेली बहनें भी थीं. महाराणा प्रताप के परिवार की चर्चा करें तो उनकी 11 पत्नियां और 17 बच्चे थे. महाराणा प्रताप ने अपना उत्तराधिकारी अपने सबसे बड़े पुत्र महाराणा अमर सिंह को बनाया, जो मेवाड़ वंश के 14 वें राजा थे. 

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महाराणा प्रताप की चर्चा अगर होती है तो चेतक का नाम जरूर लिया जाता है. चेतक उनके प्रिय घोड़े का नाम था. जिसने महाराणा प्रताप के साथ मुगलों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं. लेकिन सबसे ऐतिहासिक लड़ाई 1576 में लड़ी गई 'हल्दीघाटी की लड़ाई' को माना जाता है. हल्दीघाटी के युद्ध में प्रताप ने मानसिंह के नेतृत्व में अकबर की एक विशाल सेना से युद्ध किया. यह युद्ध इसलिए भी खास था क्योंकि राजपूतों की ओर से 20 हजार सैनिकों ने मुगलों के 80 हजार सैनिकों से सामना किया था.

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