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Blood Sugar Diet Tips: गेहूं के आटे में मिलाएं ये 3 तरह के आटे, डायबिटीज में ब्लड शुगर कभी नहीं बढ़ेगा

गेहूं के आटा डायबिटीज में खाने से मना किया जाता है क्योंकि इसमें कार्ब्स ज्यादा होता है. तो ऐसे में कौन सा आटा खाना ब्लड शुगर को कम करेगा चलिए जानें.

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Blood Sugar Diet Tips: गेहूं के आटे में मिलाएं ये 3 तरह के आटे, डायबिटीज में ब्लड शुगर कभी नह��ीं बढ़ेगा

डायबिटीज कंट्रोल के लिए किस आटे की रोटी खानी चाहिए

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डायबिटीज को कंट्रोल करने का फूडिंग रूल है. इस रूल के तहत आपको थाली का आधा हिस्सा हाई रफेज वाली चीजें जैसे सैलेड लेना होगा और बाकी आधे को आप दो हिस्सों में बांटे और आधे में प्रोटीन और आधे में हाई रफेज वाली रोटी शामिल करनी होगी. इसके लिए जरूरी है कि गेहूं के आटे को या तो एकदम छोड़ दें या इसमें 3 और तरह के आटे मिक्स कर रोटी बनाएं.

आप गेहूं के आटे को और भी तीन तरह के आटे के साथ मिलाकर चपातियों को पौष्टिक बना सकते हैं. आइए जानें कि आप कौन सा आटा इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही आइए एक नजर डालते हैं इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों पर. अगर आप चाहते हैं कि आपकी रोटियां अधिक पौष्टिक बनें तो आपको यह प्रयोग जरूर करना चाहिए. इससे स्वास्थ्य लाभ भी अधिक मिलता है. 

चने का आटा
चने के आटे में ठंडक देने वाले गुण होते हैं. इसलिए अगर आप गर्मी के दिनों में रोजाना गेहूं के आटे में चने का आटा मिलाकर खाएं तो इससे गर्मी से राहत मिल सकती है. शरीर ठंडा हो जाता है. आप 25 से 50 प्रतिशत तक गेहूं का आटा कहीं भी प्राप्त कर सकते हैं. 

रागी का आटा 
रागी और गेहूं के आटे की चपाती सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है. आप रागी के आटे को गेहूं के आटे में 25 प्रतिशत तक मिला लें और फिर इस आटे को अच्छी तरह मिलाकर रोटी बना लें. इन रोटियों का स्वाद भले ही थोड़ा अलग हो लेकिन ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं. आप चाहें तो रागी और गेहूं के आटे को मिलाकर भी एक कंटेनर में रख सकते हैं. या फिर आप रोजाना आटा गूंथते समय आवश्यकतानुसार रागी का आटा मिला सकते हैं. ये रोटियां हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं. 

सोयाबीन का आटा
अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो गेहूं के आटे में थोड़ा सा सोयाबीन का आटा मिला लें. यह चपाता प्रोटीन से भरपूर होता है. साथ ही इससे चपातियां मुलायम बनी रहती हैं. 500 ग्राम सोयाबीन के आटे को 2 किलो गेहूं के आटे में मिला लें. 

रागी, सोयाबीन और चने के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिलाकर बनाई गई चपाती के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. आइए विस्तार से जानते हैं

डायबिटीज के मरीजों को हमेशा गेहूं की चपाती खाने की सलाह दी जाती है. इसी तरह, यदि आप इस आटे को गेहूं के आटे के साथ मिलाते हैं, तो इसमें गेहूं की मात्रा कम हो जाती है और यह मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है. यह ब्लड शुगर लेवल को कम करने में भी फायदेमंद है. 

मल्टीग्रेन आटे में मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले गुण होते हैं. इसमें प्रोटीन और कैल्शियम अधिक होता है. जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. 

अच्छी सेहत के लिए सबसे जरूरी है पाचन तंत्र. यह आटा आपके पाचन तंत्र को सुचारू बनाने में मदद करता है. अगर आपको कब्ज की समस्या है तो इन तीन आटे को गेहूं के आटे में मिलाकर खाएं. इन आटे में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. साथ ही कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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