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Uric Acid Treatment In Ayurveda: ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जोड़ों में ही गला देंगी यूरिक एसिड, बिना दवा के खत्म हो जाएगा दर्द-सूजन

यूरिक एसिड का हाई लेवल कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को बढ़ा देता है. यह जोड़ों में दर्द सूजन से लेकर किडनी तक को प्रभावित करता है. शरीर को एक्टिव रखने के लिए इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है. बिना दवाईयों के भी यूरिक एसिड के लेवल को कम किया जा सकता है.

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Uric Acid Treatment In Ayurveda: ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जोड़ों में ही गला देंगी यूरिक एसिड, बिना दवा के खत्म हो जाएगा दर्द-सूजन
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डीएनए हिंदी: (Ayurvedic Herbs Control Uric Acid) यूरिक एसिड एक ऐसा अपिष्ट पदार्थ है जो प्यूरीन के टूटने से शरीर में पैदा होता है. अनहेल्दी प्यूरीन युक्त चीजों को खाने से इसका लेवल हाई हो जाता है. यही वजह है कि आज के समय में सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं युवा भी हाई यूरिक एसिड की समस्या से परेशान हैं. यह जोड़ों में दर्द और सूजन को बढ़ा देता है. लगातार हाई लेवल बने रहने की वजह से गाउट, गठिया और किडनी में प्यूरीन की पथरी तक जम जाती है. 

इसकी वजह से जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन के चलते अक्सर चलना फिरना तो दूर लोगों का उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है. हालांकि यूरिक एसिड के हाई लेवल को बिना दवाईयों के भी कंट्रोल किया जा सकता है. इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. आयुर्वेद में मौजूद कई जड़ी बूटियों के नियमित सेवन से ही जोड़ों मे क्रिस्टल के रूप में जमा यूरिक एसिड पिघलकर बाहर हो जाता है. यह जड़ी बूटी किडनी को डिटाॅक्स कर फिल्टर करने की क्षमताओं को बढ़ा देती है. इसे यूरिक एसिड पेशाब के रास्ते फ्लश आउट हो जाता है. आइए जानते हैं किन जड़ी बूटियों को खाने से ही यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है. 

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त्रिफला

आयुर्वेद में सबसे असरदार जड़ी बूटियों में शामिल त्रिफला का चूर्ण तीन जड़ी बूटियों से मिलकर बना है. इसे बनाने के लिए भीभीतकी, आंवला और हरीतकी का इस्तेमाल किया जाता है. तीनों जड़ी बूटियों से मिलकर बना त्रिफला यूरिक एसिड एक बड़ा उपचार है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्रलेमेटरी गुण बूस्ट करते हैं. इसे हर दिन एक गिलास खाली पेट गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला पाउडर डालकर पीने से ही यूरिक फ्लश आउट हो जाता है. 

नीम 

पेड़ पौधों की बात करें तो नीम को औषधीय पौधे की उपाधि दी गई है. नीम में एंटी.इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, इसकी पत्तियों को चबाने से लेकर पानी में डालकर नहाने से ही स्किन से जुड़े विकार दूर हो जाते हैं. नीम के पत्ते दर्द, सूजन और गाउट के उपचार के लिए बेहद असरकार दवा का काम करते हैं. इसका पेस्ट लगाने से ही दर्द और सूजन कम होने के साथ ही पत्तियों के चबाने से ही यूरिक एसिड कंट्रोल में आ जाता है. 

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गिलोय

गिलोय बहुत की गुणकारी औषधीयों में से एक है. इसका इस्तेमाल बुखार से लेकर दूसरी कई गंभीर बीमारियों को खत्म करने में किया जाता है. गिलोय का जूस या पानी पीने से ही यूरिक एसिड फ्लश आउट हो जाता है. इसके पाउडर का सेवन भी कर सकते हैं. 

हल्दी

सब्जी से लेकर खाने की लगभग कई चीजों हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. ठीक इसी तरह आयुर्वेद में ज्यादातर दवाईयों में हल्दी अहम रोल निभाती है. हल्दी में मौजूद औषधीय गुण गठिया को कम कर देते हैं. यह सूजन और दर्द को कम करने के लिए प्रभावित हिस्से में हल्दी का पेस्ट लगाया जा सकता है.

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अदरक

अदरक भी बेहद फायदेमंद है. अदरक उन हर्बल दवाओं में से एक हैं, जो शरीर में गाउट और गठिया की समस्या में आराम पहुंचाती है. यह यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में भी असरदार है. इसे चाय के साथ कच्चा खाना भी बेहद लाभदायक है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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