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Jagannath Rath Yatra 2022: 15 दिनों तक क्यों बीमार रहते हैं भगवान जगन्नाथ, जानिए रहस्य

Jagannath Rath Yatra 2022: भगवान जगन्नाथ यात्रा से पहले 15 दिनों के लिए एकांतवास रहते हैं. जानिए क्यों होता है ऐसा?

Jagannath Rath Yatra 2022: 15 दिनों तक क्यों बीमार रहते हैं भगवान जगन्नाथ, जानिए रहस्य
रथ यात्रा 2022

डीएनए हिंदी: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ (Jagannath Rath Yatra 2022) की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है. इस यात्रा में उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भी होती हैं.  तीनों भाई बहन विशाल रथों पर सवार होकर गुंदीचा मंदिर जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार गुंदीचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर है इस दौरान वह 7 दिन इस मंदिर में निवास करते हैं. कई लोग यह नहीं जानते हैं कि भगवान जगन्नाथ यात्रा (Rath Yatra 2022) से पहले 15 दिनों के लिए एकांतवास रहते हैं. आइए जानते हैं भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा की तिथि और क्यों करते हैं वह 15 दिनों के लिए एकांतवास.

Bhagwan Jagannath क्यों करते हैं 15 दिनों के लिए एकांतवास?

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन यानि 14 जून को भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा जी को 108 घड़ों के जल से स्नान करवाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्नान को सहस्त्रधारा स्नान के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि इन 108 घड़ों के ठंडे जल से स्नान करने के कारण भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा तीनों बीमार हो गए हैं. ऐसे में अब तीनों एकांतवास में 14 दिनों तक रहेंगे और एकांतवास के बाद ही हर दिन के दर्शन कर पाएंगे. एकांतवास में रहने के दौरान पुरोहित भगवान जगन्नाथ की सेवा करेंगे और उनके ठीक होने तक उनको जड़ी-बूटियों से बनी चीजों का भोग लगाएंगे.

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इस दिन भगवान जगन्नाथ निकलेंगे रथ यात्रा पर (Jagannath Rath Yatra Date)

भगवान जगन्नाथ स्वस्थ हो जाएंगे तब आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि होगी और इस दिन वे रथ यात्रा पर निकलेंगे. बता दें कि द्वितीय तिथि 1 जुलाई 2022 (Jagannath Rath Yatra Date) के दिन है. जिसमें भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा जी अलग-अलग रथों पर सवार होंगे और वह अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाएंगे. जहां तीनों 7 दिनों तक आराम करेंगे और दशमी तिथि को वापस अपने मुख्य मंदिर में लौटेंगे.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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