trendingPhotosDetailhindi4050892

Navratri 2022: इन 10 जगहों की मिट्टी से बनती है देवी दुर्गा की प्रतिमा, तवायफ का घर भी है एक, जानिए किस्सा

Devi Idol Veshyalay Mitti Pratha; देवी दुर्गा की प्रतिमा बनाने के लिए तवायफ के आंगन की मिट्टी लेने की प्रथा क्यों है, चलिए जानें.

डीएनए हिंदीः क्या आपको पता है कि देवी दुर्गा की प्रतिमा बनाने के लिए पुरातन समय में भी तवायफ के कोठे से मिट्टी लाई जाती थी और तभी प्रतिमा बनती थी. वहीं देवी प्रतिमा को बनाने के लिए और किस जगह की मिट्टी का इस्तेमाल होता है, क्या आपको पता है?
 

1.कहीं 5 तो कहीं 10 प्रकार कि मिट्टी का होता है मिलान

कहीं 5 तो कहीं 10 प्रकार कि मिट्टी का होता है मिलान
1/5

देवी की प्रतिमा के लिए कहीं पांच तो कहीं दस प्रकार कि मिट्टी का मिलान किया जाता है. जगह-जगह की मिट्टी के प्रयोग के पीछे पौराणिक मान्यता रही है. देवीभाग्वत पुराण में बताया गया है कि सभी देवों और प्रकृति के अंश से मां दुर्गा का तेज प्रकट होता है इसलिए मूर्ति के निर्माण में दस स्थानों की मिट्टी मिलाने की पौराणिक परंपरा रही है. वहीं कुछ जगहों पर केवल पांच प्रकार कि मिट्टी मिलाने का विधान है. तो चलिए जानें कि देवी की प्रतिमा में वेश्यालाय के आंगन की मिट्टी का प्रयोग क्यों होता है. 
 



2.तवायफ को दिया था देवी ने वचन

तवायफ को दिया था देवी ने वचन
2/5

एक सबसे प्रचलित कहानी के अनुसार कहा जाता है कि पुराने समय में एक वेश्या माता दुर्गा की अनन्य भक्त थी. समाज में मिलने वाले तिरस्कार से वह बेहद दुखी रहती थी तब देवी ने उसकी पूजा और भक्ति से प्रसन्न होकर आशीर्वाद दिया था कि उनकी प्रतिमा में जब तक किसी तवायफ के आंगन की मिट्टी नहीं मिलेगी तब तक वह अपनी प्रतिमा में वास नहीं करेंगी. 



3.ये भी रही है एक मान्यता

ये भी रही है एक मान्यता
3/5

मान्यता यह भी रही है कि जब कोई व्यक्ति तवायफ के दरवाजे पर कदम रखता है तो वह अपनी पवित्रता द्वार पर ही छोड़ कर अंदर प्रवेश करता है. उसके अच्छे कर्म और शुद्धियां बाहर रह जाती हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि वेश्यालय के आंगन की मिट्टी सबसे पवित्र हुई, इसलिए उसका प्रयोग दुर्गा मूर्ति के लिए किया जाता है.
 



4.इन 10 मिट्टी का प्रतिमा में होता है प्रयोग

इन 10 मिट्टी का प्रतिमा में होता है प्रयोग
4/5

पुराणों के जानकार नृसिम्हा प्रसाद भदूरी के अनुसार अनुष्ठानों के लिए दस मृतिका की आवश्यकता होती है. दस मृतिका यानी दस जगहों से एकत्र की गई मिट्टी. इसमें तवायफ के आंगन की मिट्टी के अलावा पहाड़ की चोटी, नदी के दोनों किनारों, बैल के सींगों पर लगी मिट्टी, हाथी के दांत, सुअर की ऐड़ी की मिटृटी, दीमक के ढेर की मिट्टी, किसी महल के मुख्य द्वार और किसी चौराहे के साथ ही किसी बलि भूमि की मिट्टी ली जाती है.



5.इन चार चीजों से भी बनती है प्रतिमा 

इन चार चीजों से भी बनती है प्रतिमा 
5/5

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार दुर्गा पूजा के लिए माता दुर्गा की जो मूर्ति बनाई जाती है उसके लिए 4 चीजें बहुत जरूरी होती हैं. पहली गंगा तट की मिट्टी, दूसरी गोमूत्र, गोबर और वेश्यालय की मिट्टी. इन सभी को मिलाकर बनाई गई मूर्ति ही पूर्ण मानी जाती है. 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.



LIVE COVERAGE