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Ayodhya Ram Mandir Auspicious Day : 22 जनवरी को बनेंगे 12 से अधिक शुभ योग, कैसा होगा इस दिन जन्में बच्चों का भविष्य?

कल यानी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या मंदिर मे राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इस दिन 12 शुभ योग बनेंगे और ऐसे समय में जन्म लेने वाले बच्चों का भविष्य कैसा होगा चलिए जानें.

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Ayodhya Ram Mandir Auspicious Day : 22 जनवरी को बनेंगे 12 से अधिक शुभ योग, कैसा होगा इस दिन जन्में बच्च�ों का भविष्य?
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डीएनए हिंदीः राम लला की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त में होगी, इसी मुहूर्त में इनका जन्म भी हुआ था. यही कारण है कि किसी दिन अगर शुभ मुहूर्त न भी हो तो अभीजीत मुहूर्त में कोई भी शुभ काम किया जा सकता है. इस समय किया गया काम हमेशा सफल और उच्च फल देने वाला होता है. ऐसे मुहूर्त में बच्चे का जन्म क्या शुभ परिणाम देगा चलिए जानें.

22 को जब शुभ मुहूर्त में राम लला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी तब ग्रहों की दशा भी अति उत्तम रहेगी, वहीं 12 से अधिक शुभ योग इस दिन बनेंगे. इस दिन और खासकर अभिजीत मुहूर्त में जन्मे बच्चों का भविष्य बेहद सफल और उज्जवल रहेगा. जानें इस दिन कौन से शुभ योग बनेंगे और इस दिन जन्में बच्चों का उनका कैसा प्रभाव होगा.

ऐसी होगी ग्रहों की स्थिति
22 जनवरी को सोमवार है और इस दिन मेष लग्न होगा और इस लग्न में बृहस्पति, द्वितीय भाव में चंद्रमा, षष्टम भाव में केतु, नवम भाव में बुध, मंगल और शुक्र, दशम भाव में सूर्य, शनि एकादश भाव में और द्वादश भाव में राहु की स्थिति होगी. ग्रहों की ये स्थिति राजयोग बना रही है.

चामर योग तथा दीर्घायु योग
22 जनवरी को लग्न तथा अष्टम भाव का स्वामी मंगल नवम भाव में मित्र बृहस्पति की राशि में रहेगा. यह एक उच्च स्तरीय राजयोग है. केंद्र का स्वामी नवम त्रिकोण में चले जाने से चामर तथा दीर्घायु योग बनेंगे. इन योगों में यदि किसी का जन्म हो तो वह बालक धनवान और अच्छी सेहत वाला होता है. उस बच्चे में धार्मिक गुण होते हैं. इनकी आयु भी लंबी होती है.

धेनु योग तथा काम योग
द्वितीय तथा सप्तम भाव का स्वामी शुक्र नवम भाव में लग्नेश के साथ है, जिससे धेनु तथा काम योग बन रहा है. इन योगों में जन्मे बच्चे को जीवन भर पैसों की कमी नहीं होती. ये दान करने में आगे रहता है. इनकी पत्नी सुंदर, सुशील और धार्मिक स्वाभाव की होती है. इनहें गृहस्थ जीवन में सुख प्राप्त होता है.

शौर्य योग, तपस्वी योग तथा अस्त्र योग
तृतीय भाव और छठे भाव का स्वामी बुध नवम भाव में मंगल तथा शुक्र के साथ मिलकर शौर्य, तपस्वी और अस्त्र योग बन रहा है. इन शुभ योगों में जन्मा बच्चा शूरवीर और पराक्रमी होता है. ये पढ़ने-लिखने में भी आगे रहते हैं. लिखने में इनकी खास रूचि होती है.

जलधि योग बनाता है आकर्षक
चतुर्थ भाव का स्वामी चंद्रमा द्वितीय भाव में उच्च राशि में है, यह जलधि योग कहलाता है. इस योग में जन्में लोग दिखने में सुंदर और आकर्षक होते हैं. ये समाज में ऊंची प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं. ये अपनी बोल-चाल से किसी को भी प्रभावित कर लेते हैं. इन्हें समय-समय पर भूमि से लाभ भी होता है.

छत्र योग बनाता है तेज बुद्धि वाला
पंचम भाव का स्वामी सूर्य दशम भाव में है जो की दिग्बली भी है, यह छत्र नाम का राजयोग बना रहा है. इस राजयोग में जन्में लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं, इनका आईक्यू लेवल बहुत अच्छे स्तर का होता है. वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की कुंडली में यह योग था. ये लोग अच्छे निर्णय लेते हैं, जिससे सभी को लाभ होता है.

भाग्य योग करवाता है विदेश यात्रा
नवम तथा द्वादश भाव का स्वामी बृहस्पति लग्न में मित्र की राशि में है तथा दिग्बली है. इसे भाग्य योग कहते हैं. इस योग में जन्मे बच्चों पर ईश्वर की कृपा होती है. ये चमत्कारिक रूप से बड़े-बड़े संकटों को पार कर लेते हैं. इनमें दयालु प्रवृत्ति जन्म से ही होती है. इन लोगों के कईं बार विदेश जाने का मौका मिलता है.

ख्याति योग तथा पारिजात योग
दशम तथा एकादश भाव का स्वामी शनि एकादशी भाव में है, जो ख्याति और पारिजात योग बना रहा है. इन शुभ योग में जन्में बच्चे समाज में विशेष मान-प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं. इनके पास धन प्राप्ति के अनेक साधन होते हैं. ये लोग यदि निर्धन घर में भी जन्म लेते हैं तो भी बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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