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Badrinath Dham: आज ब्रह्म मुहूर्त में खोले गए बद्रीनाथ धाम के कपाट, भारी बर्फबारी के बीच भी जुटी श्रद्धालुओं की भीड़

Badrinath Dham: आज 27 अप्रैल 2023 को बद्रीनाथ धाम के कपाट मंत्रोच्चार और विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद खोले गए.

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Badrinath Dham: आज ब्रह्म मुहूर्त में खोले गए बद्रीनाथ धाम के कपाट, भारी बर्फबारी के बीच भी जुटी श्रद्धालुओं की भीड़

Image Source: (ANI)

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डीएनए हिंदीः पिछले कई दिनों से चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra 2023) की तैयारियां जोरों से चल रही है. सबसे पहले 22 अप्रैल 2023 को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट (Gangotri and Yamunotri Dham) खोले गए थे. जिसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ के कपाट (Kedarnath Dham) खुले. आज तीनों धाम के कपाट खुलने के बाद चार धाम बद्रीनाथ के द्वार (Badrinath Dham) भी खुल गए हैं. चारों धाम के कपाट खुलने के बाद चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra 2023) पूरी तरह शुरू हो चुकी है. आज 27 अप्रैल 2023 को बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट मंत्रोच्चार और विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद खोले गए. बद्रीनाथ के कपाट (Badrinath Dham) ब्रह्म मुहूर्त, मेष लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में सुबह 4:15 मिनट पर खोल दिए गए हैं.

भारी बर्फबारी में खुले बद्रीनाथ के कपाट (Badrinath Dham Kapat Open)
चार धाम यात्रा की शुरुआत के बाद अब बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए हैं. आज सुबह भारी बर्फबारी के बीच धाम के कपाट खोले गए. हालांकि खराब मौसम के बाबजूद श्रद्धालुओं की भक्ती में कोई कमी नहीं रही. लोग बाबा के जयकारे लगाकर नाचते गाते नजर आए. मंदिर के कपाट खुलने के बाद पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर धाम को 15 टन से भी अधिक फूलों से सजाया गया है.

 

यह भी पढ़ें - Char Dham Yatra 2023: चार धाम यात्रा पर जानें से पहले करा लें रजिस्ट्रेशन, मोबाइल ऐप से लेकर व्हाट्सएप से करें ऑनलाइन बुकिंग

बद्रीनाथ धाम की धार्मिक मान्यताएं (Badrinath Dham Dharmik Manyata)
बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु विराजमान हैं. यहां पर वह पूरे वर्ष भर रहते हैं. ऐसी मान्यता है कि वह 6 महीने विश्राम करते है और 6 महीने तक भक्तों को दर्शन देते हैं. बद्रीनाथ को आठवें बैकुंठ धाम के नाम से जाना जाता है. यहां पर 6 महीने मनुष्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो वहीं बाकि 6 महीने देवता भगवान विष्णु को पूजते हैं.

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