Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Geeta jayanti 2022: घर श्रीमद्भागवत गीता रखने का नियम जान लें वरना भूल की नहीं मिलती माफी

Geeta Keeping Rule: हिंदू धर्म में गीता सबसे पवित्र ग्रंथ है और लगभग हर घर में होती हैं लेकिन क्या आप इसे रखने के नियम जानते हैं?

Latest News
Geeta jayanti 2022: घर श्रीमद्भागवत गीता रखने का नियम जान लें वरना भूल की नहीं मिलती माफी

Geeta jayanti 2022: घर श्रीमद्भागवत गीता रखने का नियम जान लें वरना भूल की नहीं मिलती माफी
 

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः आज गीता जयंती है और आज आपको बताएंगे कि घर में गीता रखने के क्या नियम हैं क्योंकि इसे रखने में होने वाली भूल की माफी नहीं मिलती है. अगर आपके घर में श्रीमद् भागवत गीता है तो आपको कुछ बातें गांठ बांध लेनी चाहिए.

हिंदू धर्म में 18 पुराण, 4 वेद प्रमुख माने गए हैं लेकिन इनके अलावा भी कई ग्रंथ होते हैं. जिनकी मान्यता बहुत है. श्रीमद्भागवत गीता भी इनमें से एक है. गीता महाभारत ग्रंथ का ही एक अंग है लेकिन इसे अलग ग्रंथ के तौर पर मान्यता दी गई है. आज 3 दिसंबर को गीता जयंती है और आज इस अवसर पर गीता से जुड़े कुछ नियम रखने से जुड़े जान लें.
 
यह पहला पवित्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है. अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही गीता जयंती होती है. घरों में श्रीमद्भागवत गीता पूजा स्थान पर रखने और नियमित पूजा का विधान होता है लेकिन कई बार लोगों को गीता से जुड़ी कई और बातों की जानकारी नहीं होती है. 

आज है मोक्षदा एकादशी, व्रत नियम-पूजा विधि और कथा से लेकर पारण समय तक जानें सब-कुछ 

घर में गीता रखने से पहले जान लें नियम भी

घर में श्रीमद्भागवत गीता अगर ला रहे हैं तो आपको केवल गीता ही नहीं घर की पवित्रता पर भी ध्यान रखना होगा. घर की साफ-सफाई, मांस-मदिरा घर में नहीं लाना चाहिए. अगर पूजा का कमरा अलग है तो वहां जूते-चप्पल या चमड़े का कोई भी सामान न ले जाएं. ऐसा कोई भी काम न करें जिससे घर की पवित्रता भंग हो.

गीता हमेशा लाल कपड़े में लपेट के रखें
श्रीमद्भागवत गीता को कभी खुला नहीं रखना चाहिए. गीता हमेशा लाल कपड़े से लपेट कर रखना चाहिए. केवल पढ़ते हुए ही इसके कपड़े काे हटाना चाहिए.

स्नान किए बिना गीता को स्पर्श न करें
गलती से भी अपवित्र हाथ या नहाए बिना गीता को न छुएं. ऐसा करना महापाप माना गया है. इसकी माफी नहीं होती है. अगर मंदिर या पूजा स्थान की सफाई भी करना हो तो पहले स्नान करें और बाद में मंदिर को साफ करें. बाद में पुन: एक बार नहा सकते हैं. 

अधूरा न छोड़ें अध्याय
अगर आप श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करते हैं तो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें को पढ़ते समय बीच में न उठें यानी कोई भी अध्याय अधूरा न पढ़ें. एक अध्याय पूरा होने के बाद दूसरे अध्याय दूसरे दिन पढ़ सकते हैं. एक अध्याय को बीच में छोड़ना शुभ नहीं माना जाता. 

Name Horoscope: नाम के पहले अक्षर में छुपा है पर्सनैलिटी से लेकर नेचर तक सीक्रेट, बिना कुंडली पढ़ें जानें ये सच 

गीता को जमीन पर न रखें
श्रीमद्भागवत गीता एक पवित्र ग्रंथ हैं, जिसे सीधे जमीन पर या अन्य कहीं नहीं रखना चाहिए. इसे हमेशा काठ यानी लकड़ी के स्टैंड पर रखना चाहिए. किसी भी धर्म ग्रंथ को जमीन पर रखना अशुभ माना जाता है और ऐसा करने से लाइफ में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

पाठ करते समय मन शांत और पवित्र रखें
श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करते समय मन शांति और पवित्र होना चाहिए यानी किसी भी तरह के बुरे विचार मन में नहीं रखना चाहिए. गीता का पाठ करते समय शरीर के साथ-साथ मन का पवित्र होना भी जरूरी है. अगर रोज गीता का पाठ न कर पाएं तो सिर्फ एकादशी तिथि पर भी ये काम कर सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement