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Himachal की बाढ़ में मंडी के Panchvaktra Mandir ने दिलाई उत्तराखंड त्रासदी की याद, उफनती लहरों के बीच केदारनाथ धाम की तरह सुरक्षित है मंदिर

Panchvaktra Temple Mandi: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बारीश और बाढ़ के चलते बड़े-बड़े मकान, पुल और पहाड़ धराशाही हो रहे हैं. ऐसे में भी यहां पंचवक्त्र मंदिर पर कोई असर नहीं हुआ है.

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Himachal की बाढ़ में मंडी के Panchvaktra Mandir ने दिलाई उत्तराखंड त्रासदी की याद, उफनती लहरों के बीच केदारनाथ धाम की तरह सुरक्षित है मंदिर

फोटो साभारः सोशल मीडिया

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डीएनए हिंदीः भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में बाढ़ (Himachal Pradesh Flood) आ जाने की वजह से वहां से बहुत ही भयानक दृश्य सामने आ रहे हैं. हिमाचल में इस जलप्रलय (Himachal Pradesh Flood) को देखकर 10 साल पहले केदारनाथ में हुई तबाही के दृश्य ताजा हो रहे हैं. यहां पर पानी ने जो रौद्र रूप धारण किया है उसके कारण गाड़ियां खिलौने की तरह पानी में बहती हुई नजर आ रही हैं और मकान धराशाही हो रहे हैं. इस सैलाब के बीच ब्यास नदी और सुकेती खड्ड के किनारे स्थित पंचवक्त्र मंदिर (Panchvaktra Temple) को सुरक्षित देख हर कोई हैरान है. इस सैलाब से मचे हाहाकार के बीच मंदिर का सुरक्षित खड़ा रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है. जहां बारीश और बाढ़ के चलते बड़े-बड़े मकान, पुल और पहाड़ धराशाही हो रहे हैं. ऐसे में यहां पंचवक्त्र मंदिर (Panchvaktra Temple) पर कोई असर नहीं हुआ है.

जलप्रलय के बीच सुरक्षित खड़ा है मंदिर
हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर बीते रविवार 9 जुलाई को जलमग्न हो गया था. इस स्थान को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है. गंगा के किनारे बसे काशी की तरह ही मंडी ब्यास नदी के किनारे बसा हुआ है. मंडी में मौजूद इस मंदिर की बहुत ही मान्यता है. यहां मौजूद शिव जी की मूर्ति के पांच अलग-अलग रूप हैं. शिव की पंचमुखी मूर्ति के ईशान, अघोरा, वामदेव, तत्पुरुष और रुद्र ये पांच अलग-अलग रूप हैं.

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बता दें कि ,रविवार को पंचवक्त्र मंदिर में सुबह पानी पहुंच गया था जिसके बाद शाम होते होते मंदिर जलमग्न हो गया. शाम करीब 6 बजे मंदिर के शिखर तक पानी पहुंच चुका था. उफनती लहरों के बीच मंदिर सुरक्षित खड़ा है. ऐसे में यह 10 साल पहले केदारनाथ धाम में हुए चमत्कार की याद दिला रहा है. मंदिर को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है.

क्यों कहा जाता है इसे पंचवक्त्र मंदिर?
मंडी का यह मंदिर करीब 300 साल से भी ज्यादा पुराना है. यहां के राजा सिद्ध सेन (1684-1727) ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. इस मंदिर में भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा मौजूद है. मंदिर में मौजूद भगवान शिव की इसी प्रतिमा की वजह से इसे पंचवक्त्र मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर शिखर वास्तुकला के आधार पर बनाया गया है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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