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भगवान विष्णु की पूजा के लिए खास होता है मलमास, जानें क्या है इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Malmas 2023: मलमास के चलते इस साल दो सावन के महीने हैं. मलमास में मांगलिक कार्य पर रोक होती है जबकि मलमास में पूजा-पाठ का खास महत्व होता है.

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भगवान विष्णु की पूजा के लिए खास होता है मलमास, जानें क्या है इससे जुड़ी पौराणिक कथा

प्रतीकात्मक तस्वीर

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डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग में 12 महीने होते हैं. हालांकि हर तीन साल बाद एक अगल से महीना (Malmas 2023) आता है जिसे मलमास (Malmas 2023) के नाम से जाना जाता है. इस साल 2023 में मलमास (Malmas 2023) 28 जुलाई से 16 अगस्त के बीच है. मलमास (Malmas 2023) के चलते इस साल दो सावन के महीने हैं. मलमास (Malmas 2023) में मांगलिक कार्य पर रोक होती है जबकि मलमास में पूजा-पाठ का खास महत्व होता है. मलमास (Malmas 2023) भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए बहुत ही विशेष माना जाता है. यह हिंदी पंचांग का अतिरिक्त महीना होता है. तो चलिए आपको हिंदू धर्म में मलमास (Malmas 2023)और इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा के महत्व के बारे में बताते हैं.

मलमास का महत्व (Malmas Ka Mahatva)
मलमास को अधिकमास के नाम से भी जाना जाता है. यह महीना श्रीहरि भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत ही खास होता है. यह महीना हर तीन साल बाद आता है. यह महीना सूर्य और चंद्र मास में संतुलन बनाने के बीच बचे हुए दिनों से बना है. ऐसा भी माना जाता है कि मलमास हिरणाकश्यप के वध के लिए अलग से बनाया गया है. हिरणाकश्यप ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर अमर होने का वरदान मांगा था. जब वह यह वरदान मांगने में समर्थन नहीं हुआ तो उसने बड़ी चतुराई से वरदान मांगा कि उसकी मृत्यु 12 महीनों में न हो, न किसी मानव से हो, ना ही पशु से, ना रात और न ही दिन में, ना घर के भीतर और ना बाहर, ना धरती पर और ना ही आकाश में, ना किसी अस्त्र से और किसी शस्त्र से उसकी मौत हो. ऐसे में भगवान ने उसे वरदान दे दिया. जिसके बाद वह खुद को भगवान समझने लगा. उसके घमंड को तोड़ने और वध करने के लिए भगवान विष्णु ने अवतार लिया था.

 

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भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार
भगवान विष्णु के दस अवतारों में से चौथा रौद्र अवतार नरसिंह का है. इस अवतार में वह आधे नर और आधे सिंह यानी शेर के रूप में हैं. यह अवतार उन्होंने हिरणाकश्यप के वध के लिए लिया था. हिरणाकश्यप को कोई पशु और मनुष्य नहीं मार सकता था. ऐसे में उन्होंने इस अवतार में हिरणाकश्यप का वध किया था. नरसिंह अवतार में भगवान ने हिरणाकश्यप का वध किया था तब वह न बाहर था न अंदर, इसे शाम को मारा था उस समय दिन था न रात, उसे जमीन और आकाश में नहीं बल्कि अपने जांघों पर रखकर मारा था. इस समय 12 महीने में कोई सा महीना नहीं था. हिरणाकश्यप को अस्त्र-शस्त्र से नहीं बल्कि नाखूनों से मारा था.

भगवान विष्णु के लिए मलमास का महत्व
मलमास के इस महीने का कोई भी देवता स्वामी बनने को तैयार नहीं था. ऐसे में मलमास ने भगवान विष्णु से देवता बनने की प्रार्थना की जिसके बाद वह प्रसन्न हुए और मलमास के स्वामी बनें. इस महीने को भगवान विष्णु के नाम पुरुषोत्तम नाम से भी जाना जाता है. इस महीने में भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर हिरणाकश्यप का वध किया था. मलमास का महीना भगवान श्री हरि की पूजा-अर्चना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बहुत ही खास होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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