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Ravan Puja: इन जगहों पर हैं रावण के मंदिर, नहीं होता है दहन, मनता है मृत्यु का मातम

Dussehra पर इन कुछ शहरों में रावण को जलाया नहीं जाता बल्कि पूजा होती है, जानिएं कहां रावण के मंदिर हैं और क्या है महिमा

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Ravan Puja: इन जगहों पर हैं रावण के मंदिर, नहीं होता है दहन, मनता है मृत्यु का मातम
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डीएनए हिंदी: Ravan Temples in India- क्या आप जानते हैं कि कई जगह राम का नहीं बल्कि रावण का मंदिर है. रावण शिव भक्त थे और उनके भी कई भक्त हैं. कई ऐसी जगहें हैं जहां रावण का मंदिर है और हर साल दशहरे (Dussehra 2022) सिर्फ नहीं कई और समय पर भी रावण की पूजा की जाती है. इस साल दशहरे से पहले हम आपको उन मंदिरों का चक्कर लगवाते हैं. 

इन कुछ जगहों पर है रावण का मंदिर, ये है खासियत

ग्रेटर नोएडा, बिसरख

बिसरख को रावण का जन्मस्थान (Ravan Birthplace) माना जाता है और यहां एक मंदिर लंका के राजा को समर्पित है. यह देश में राक्षस राजा के सबसे प्रसिद्ध और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां किसी भी त्योहार में लोग रावण के दर्शन के लिए आते हैं.यहां रावण को एक भगवान के रूप में माना जाता है और यहां रावण के पुतले जलाकर दशहरा नहीं मनाया जाता है, बल्कि पूजा होती है. नवरात्रि के नौ दिन बिसरख के कस्बे में मातम का समय होता है.

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एमपी के विदिशा

मध्यप्रदेश के विदिशा में एक ऐसा गांव है जहां स्वयं रावण के नाम पर रावणग्राम बनाया गया है. यह लंका के राजा रावण के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. रावण की पत्नी मंदोदरी विदिशा से मानी जाती है.

काकीनाडा 

रावण के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक काकीनाडा रावण मंदिर आंध्र प्रदेश (Ravan Temple)  के पूर्वी गोदावरी जिले में स्थित है. यह मंदिर समुद्र तट के करीब है और एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है. आंध्र प्रदेश में काकीनाडा एकमात्र ऐसा स्थान है जहां रावण की पूजा की जाती है. यहां रावण के साथ साथ शिवलिंग भी है, क्योंकि रावण शिव के भक्त थे. 

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कानपुर के शिवाला 

रावण का करीब 125 साल पुराना दशानन मंदिर कानपुर के शिवाला इलाके में स्थित है. कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण 1890 में राजा गुरु प्रसाद शुक्ल ने करवाया था. इस मंदिर के दरवाजे हर साल दशहरे पर भक्तों के लिए खोले जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि हर मंदिर निर्माण के पीछे का मकसद यह था कि रावण भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त होने के साथ ही अत्यंत विद्वान भी था, बस उन्होंने सीता को हरन करके सबसे बड़ी गलती की. यहां दशहरे के अवसर पर भक्तों द्वारा 'दशानन'की मूर्ति को आरती के बाद सजाया गया था. इस दौरान लोग मिट्टी के दीये जलाते हैं और मंदिर में त्योहार मनाने के लिए पूजा होती है. 

मंदसौर , एमपी 

मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी लंका के राजा का एक मंदिर है, यहां खानपुर क्षेत्र में 35 फुट ऊंची 10 सिर वाली रावण की मूर्ति स्थापित है. दरअसल मंदसौर शहर में नामदेव वैष्णव समाज से संबंध रखने वाले लोग दशहरे पर रावण की पूजा करते हैं, इनका मानना है कि रावण की पत्नी मंदोदरी इसी शहर की थीं. 

जोधपुर रावण मंदिर (राजस्थान)

जोधपुर में श्रीमाली समाज के गोधा गौत्र के लोग स्वयं को रावण का वंशज मानते हैं. कहा जाता है कि ये गोधा गोत्री श्रीमाली लोग रावण की बारात में आए और यहीं पर बस गए. जोधपुर के मेहरानगढ़ किला रोड पर इन्होंने रावण का मंदिर भी बना रखा है, जहां उसकी पूजा की जाती है

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