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Ramadan 2024: कब से शुरू हो रहे हैं माह-ए-रमजान? कब होगा चांद का दीदार

रमजान का पाक महीना शुरू होने वाला है. इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना रमजान होता है और रमजान की शुरुआत 8वें महीने शाबान के 29वें दिन चांद का दीदार होने के साथ होती है.

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Ramadan 2024: कब से शुरू हो रहे हैं माह-ए-रमजान? कब होगा चांद का दीदार

रमजान कब है 2024

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इस साल रमजान की शुरुआत 11 मार्च से हो रही है. हालांकि, रमजान की शुरुआत कब होगी यह चांद नजर आने के बाद ही तय होता है. लेकिन ऐसी संभावना है कि सोमवार, 11 मार्च से ही रमजान का पाक महीना शुरू हो जाएगा और 10 अप्रैल, बुधवार को यह समाप्त होगा.

सहरी और इफ्तार का समय

रोजे के दौरान सूर्योदय से पहले सहरी की जाती है और फिर बिना पानी और खाएं-पिएं दिनभर रोजा रखते हैं और शाम को सूर्यास्त के बाद इफ्तार के समय रोजे को खोला जाता है. इसके साथ ही रोजेदारों को रोजाना 5 वक्त के लिए नमाज अदा करना अनिवार्य है. इसके अलावा इबादत के दौरान रोजेदारों को अपने परिवार की खुशहाली की कामना करनी चाहिए. साथ ही रमजान के पवित्र महीने में गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करना भी खुदा की इबादत माना जाता है.

रमजान के आखिरी दिन मनाई जाती है ईद
हमजा बताते हैं कि रमजान में सुबह सेहरी (सुहूर) करने के बाद रोजा की शुरुआत होती है और शाम में इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है. एक महीने तक ये क्रम चलता है और रमजान के आखिरी दिन चांद का दीदार होने के बाद ईद-उल-फितर का पर्व मनाया जाता है. बताते चलें कि मुस्लिम समुदाय के बीच रमजान माह को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसी पाक महीने में मोहम्मद साहब को इस्लाम धर्म की पवित्र धार्मिक किताब कुरान शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था. जानते हैं इस साल कब से शुरू हो रहा है रमजान का महीना.

रोजा खुद को अल्लाह के करीब लाने का तरीका
इस्लामी कैलेंडर का 9वां महीना रमजान मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीनों में से एक है. इस महीने के दौरान, मुसलमान सुबह से शाम तक उपवास रखते हैं, जिसे रोजा कहा जाता है. रोजे के दौरान कुछ भी खाने या पीने की अनुमति नहीं है.

रोजा खुद को अल्लाह के करीब लाने का एक तरीका है. साथ ही यह इस्लाम के पांच फर्जों में शामिल है. ऐसे लोग जो गरीबी की वजह से एक वक्त का ही खाना खा पाते हैं और भूखे रहते हैं, उन लोगों के साथ सहानुभूति रखने और उनकी भूख और तकलीफ का एहसास करने के उद्देश्य से भी रोजा रखा जाता है. पूरे दिन इबादत कर शाम के समय दुआ करने के बाद रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहा जाता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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