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Yogini Ekadashi 2023: सुख, समृद्धि, शांति के लिए आज रखें योगिनी एकादशी व्रत,जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

Yogini Ekadashi 2023: आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी होती है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है.

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Yogini Ekadashi 2023: सुख, समृद्धि, शांति के लिए आज रखें योगिनी एकादशी व्रत,जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

योगिनी एकादशी

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डीएनए हिंदीः सुख, समृद्धि, शांति और खुशहाली के लिए योगिनी एकादशी ((Yogini Ekadashi Benefits) का व्रत रखा जाता  है. इस व्रत को करने से अंखड सौभाग्य बढ़ता है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
मान्यता है कि इस एक व्रत को करने से 80 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है. इस व्रत को लेकर मन्यता है कि यह एकादशी सभी पाप से मुक्ति दिलाती है. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से मृत्यु बाद विष्णु कृपा से व्यक्ति को मोक्ष मिल जाता है. बीमार व्यक्ति की बीमरी खत्म हो जाती है.

ये है योगिनी एकादशी की तिथि (Yogini Ekadashi 2023)

एकादशी एकादशी 14 जून की सुबह 09:28 मिनट पर शुरु होगा,  जो 15 जून की सुबह 08:28 मिनट पर समाप्त होगा. उदया तिथि के अनुसार यह व्रत 14 जून, बुधवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन केवल जल ग्रहण करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती है.  इसके साथ ही दान-दक्षिणा करने के साथ ही विष्णु और शिव जी की उपासना करनी चाहिए.

योगिनी एकादशी व्रत का पारण (Yogini Ekadashi 2023 Parana Time )

योगिनी एकादशी का पारण 15 जून को सुबह 05:23 बजे से सुबह 08:10 बजे के बीच कर सकते हैं.

योगिनी एकादशी व्रत की कथा

इस व्रत को लेकर काफी मशहूर कहानी है. स्वर्ग के अलकापुरी में कुबेर नाम का एक राजा रहता था. वह शिव भक्त था, हर रोज वह सुबह महादेव की पूजा करता था. महादेव की पूजा के लिए हेम नामक माली फूल लेकर आता था. हेम की पत्नी विशालाक्षी थी, जो बहुत ही सुंदर थी. एक दिन हेम मानसरोवर से फूल लेकर आया लेकिन पत्नी से बात करने में वह फूल लेकर जाना भूल गया.

दूसरी ओर राजा माली का इंतजार करता रहा. दोपहर तक जब माली नहीं आया तो राजा ने अपने सिपाहियों को माली के घर भेजा. ताकि पता लगे कि वह क्यों नहीं आया? सिपाही हेम के घर गए तो उन्होंने देखा कि वह अपनी पत्नी के साथ हंसी मजाक कर रहा है. सिपाही लौट कर आए तो उन्होंने राजा को बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ बातों में इतना व्यस्त है कि भगवान शिव के लिए फूल लाना भूल गया. इस पर राजा काफी नाराज हो गए.

उन्होंने हेम को दरबार में बुलाया. वह दरबार में डर से कांप रहा था. राजा ने ​क्रोध में कहा कि तुम पापी और अधर्मी हो. शिव पूजा के लिए फूल लेकर नहीं आए. तुमने भगवान भोलेनाथ का अनादर किया है. तुम श्राप के योग्य हो. राजा ने हेम को श्राप दिया कि वह पृथ्वी लोक पर जाकर कोढ़ी होगा और पत्नी का वियोग सहन करेगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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