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Google पर क्यों लगा दलित विरोधी होने का आरोप, क्या है हंगामे की वजह?

थेनमोझी सुंदरराजन और तनुजा गुप्ता ने गूगल पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है.

 Google पर क्यों लगा दलित विरोधी होने का आरोप, क्या है हंगामे की वजह?

गूगल पर उठ रहे हैं सवाल. 

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डीएनए हिंदी: गूगल पर जातिवादी होने का आरोप लगा है. दलित नागरिक अधिकार संगठन इक्वेलिटी लैब्स (Equality Labs) ने गूगल (Google)  में हुए कथित दलित विरोधी (Anti Dalit) व्यवहार की निंदा की है. 

वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इक्वेलिटी लैब्स के कार्यकारी निदेशक थेनमोझी सुंदरराजन के साथ जातिगत भेदभाव हुआ है. दलित इतिहास के महीने अप्रैल में गूगल ने कथित तौर पर डायवर्सिटी, इक्विटी और इनक्लुयजन (DEI) को रद्द कर दिया.  

 इक्वलिटी लैब्स ने आरोप लगाया कि गूगल प्रबंधन ने जातिगत योग्यता की कमी की बात कही है. गूगल कंपनी में जतिगत उत्पीड़न की खबरें सामने आईं जिन्हें दबाने की कोशिश की गई.

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गूगल ने सभी आरोपों को किया खारिज

जातिगत समानता के विरोधियों ने आंतरिक रूप से सुंदरराजन और इक्वेलिटी लैब्स के बारे में गलत सूचना फैलाई जिससे नागरिक अधिकारों की लड़ाई को खत्म किया जा सके. गूगल ने सभी आरोपों से इनकार किया है.

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गूगल ने कहा, 'हमारे वर्क प्लेस पर जातिगत भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है. Google के प्रवक्ता शैनन न्यूबेरी ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि हमारे कार्यस्थल में प्रतिशोध और भेदभाव के खिलाफ बेहद सख्त नीति है. ऐसे आरोप पहली बार लगे हैं.'

क्यों लगे हैं गूगल पर आरोप?

इक्वेलिटी लैब्स के कार्यकारी निदेशक थेनमोझी सुंदरराजन ने कहा, 'मेरे पास शब्द नहीं हैं कि जिससे मैं यह कह सकूं कि गूगल अपने कर्मचारियों का कैसा उत्पीड़न करता है. कंपनी गैरकानूनी तरीके से जातिगत समानता पर होने वाली बातचीत रद्द की है. गूगल को अपनी कंपनी के भीतर चल रहे जातिवाद पर नजर रखनी चाहिए जिसकी घटनाएं अक्सर सामने आती हैं.'

गूगल न्यूज में प्रोजेक्ट मैनेजर रहीं तनुजा गुप्ता ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ 400 कर्मचारियों को कहा था कि आवाज उठाएं. उन्हें रिजाइन करने के लिए मजबूर कर दिया गया. गूगल ने अब इन सभी आरोपों को खारिज किया है.

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