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इस्राइली तकनीक वाले देशी DRONE खरीदेगी भारतीय सेना, चीन और पाक सीमा पर घुसपैठियों को बनाएगी निशाना

China और Pakistan की तरफ से LAC और LOC पर लगातार बढ़ाए जा रहे दबाव के बीच निगरानी की जरूरत लगातार बढ़ती जा रही है. इसके लिए मानवरहित विमान (UAV) सबसे बढ़िया तरीका है. भारतीय सेना की तीनों विंग अब स्वदेशी ड्रोन से निगरानी कर पाएंगी.

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डीएनए हिंदी : आतंकियों को ठिकाने लगाने वाले अमेरिकी प्रिडेटर ड्रोन की डील होल्ड पर रखने के बाद केंद्र सरकार ने एक बार फिर 'मेक इन इंडिया' को ही बढ़ावा देने की तैयारी कर ली है. केंद्र सरकार ने भारतीय सेना के लिए इस्राइली तकनीक से तैयार किए गए स्वदेशी मानवरहित विमान (UAV) की खरीद करने का निर्णय लिया है, जो लंबी दूरी तक उड़ान भरकर दुश्मन को 'साइलेंट डेथ' देने का काम करने में सक्षम बताया जा रहा है. 

इस ड्रोन को एक निजी भारतीय कंपनी ने इस्राइल की एक डिफेंस मेन्यूफेक्चर कंपनी के साथ मिलकर विकसित किया है. यह ड्रोन खासतौर पर चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं की निगरानी के साथ ही वहां घुसपैठ करने वालों को मिसाइल अटैक से ठिकाने लगाने का भी काम करेगा.

30 ड्रोन खरीदे जाने थे अमेरिका से, सैन्य कमेटी ने बताया महंगा

सरकार ने अमेरिका से 30 प्रिडेटर (Predator) ड्रोन खरीदने की योजना बनाई थी, जो लद्दाख जैसे हाई-अल्टीट्यूड वाले एरिया में भी काम कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर हमला भी कर सकते हैं. ये 30 ड्रोन सेना, वायुसेना और नेवी में बराबर संख्या में बंटने थे, लेकिन एक सैन्य कमेटी की तरफ से इस डील का रिव्यू करने के बाद इन ड्रोन की खरीद को रोक दिया गया.

एक लेफ्टिनेंट जनरल की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने 4.5 अरब डॉलर में 30 प्रिडेटर ड्रोन खरीदने की डील को बेहद महंगा बताया था. ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि इस डील के साथ ही तकरीबन उन सभी डील को होल्ड पर कर दिया गया है, जिनमें हथियारों को विदेश से इंपोर्ट किया जाना है. सूत्रों ने बताया कि सेना की जरूरत को देखते हुए फिलहाल इस्राइली मेन्यूफेक्चर कंपनी की मदद से तैयार स्वदेशी ड्रोन को खरीदने की योजना बनाई गई है. 

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सर्विलांस और अटैक का काम करेंगे ये ड्रोन

सूत्रों ने बताया कि इन इंडो-इस्राइली ड्रोन विमानों की तैनाती सेना की तीनों विंगों में इस तरह की जाएगी कि ये सर्विलांस का काम करने के साथ ही दुश्मन के ठिकानों को दूर से ही ध्वस्त करने का काम भी करेंगे. इस प्रोजेक्ट में भारतीय कंपनी का योगदान होने के चलते यह मेक इन इंडिया के तहत सुरक्षा बलों के लिए खरीद के लिए सरकार की तरफ से तय मानकों पर पूरी तरह खरा उतर रहा है. विदेश से खरीदे जाने वाले हथियारों का इंपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर रोका गया है. 

भारतीय नेवी के पास हैं अभी दो अमेरिकी प्रिडेटर

भारत के पास फिलहाल दो अमेरिकी प्रिडेटर ड्रोन मौजूद हैं, जो अमेरिकी कंपनी से लीज पर लिए गए हैं. इनका इस्तेमाल भारतीय नेवी कर रही है, जो इनके जरिए हिंद महासागर एरिया में निगरानी करती है. इसके अलावा भारतीय नेवी ने हिंद महासागर एरिया में निगरानी के लिए 12 अमेरिकी P-81 एंटी-सबमरीन वारफेयर एंड सर्विलांस एयरक्राफ्ट ले रखे हैं, जबकि 6 विमानों को लेने की प्रक्रिया चल रही थी. अब इन 6 विमानों को लेने की प्रक्रिया फिलहाल होल्ड पर चली गई है. 

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