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Pakistan Economic crisis: कंगाल होते पाकिस्तान को IMF ने दी ये बड़ी राहत, जानिए कैसे संभलेगी पड़ोसी देश की हालत

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को 600 करोड़ डॉलर के कर्ज की सुविधा देने का समझौता करने की तैयारी की है. इससे पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था संभालने में मदद मिलेगी.

Pakistan Economic crisis: कंगाल होते पाकिस्तान को IMF ने दी ये बड़ी राहत, जानिए कैसे संभलेगी पड़ोसी देश की हालत
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डीएनए हिंदी: श्रीलंका की तरह आर्थिक दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बड़ी राहत दे दी है. संकट में फंसने के बाद हर तरफ से निराश हो चुके पाकिस्तान के IMF ने कर्ज देने की हामी भर दी है. इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ी मदद मिलेगी.

पाकिस्तान को 600 करोड़ डॉलर का कर्ज देने को तैयार

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने गुरुवार को बताया कि वह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए उसे 600 करोड़ डॉलर के कर्ज की सुविधा देने का समझौता कर रहा है. इस बात की जानकारी पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) ने भी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट की. इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने भी मंत्री मिफ़्ताह इस्माइल और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) के नेतृत्व में इस समझौते पर पहुंचने के लिए वित्त और विदेश मंत्रालय की टीमों को बधाई दी है.

Video: Pakistan Economic Crisis- श्रीलंका के बाद अब पाकिस्तान की बारी?

पाकिस्तान को जल्द मिल पाएंगे 117 करोड़ डॉलर

IMF के साथ इस समझौते के बाद पाकिस्तान के अब कर्ज की पहली किस्त के तौर पर 117 करोड़ डॉलर जल्द ही मिल सकते हैं. इससे पाकिस्तान को अपने दूसरे कर्जों की किस्त चुकाने और एक्सपोर्ट बिल को संभालने में मदद मिलेगी. इसका सीधा असर उसके बिजनेस पर भी पड़ेगा और उसकी अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा.

2019 में तोड़ दिया था IMF ने समझौता

पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर IMF की तरफ से लगातार चिंता जताई जाती रही है. इसे संभालने के लिए IMF के एक्सपर्ट्स की तरफ से बहुत सारी सलाह भी पाकिस्तान को दी गई थी. साल 2019 में भी IMF ने पाकिस्तान को 600 करोड़ डॉलर का कर्ज देने का समझौता किया था, लेकिन पाकिस्तान पर FATAF की तरफ से आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने और तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सरकार द्वारा सुझाव नहीं मानने के बाद IMF ने आधा कर्ज देकर ही समझौता तोड़ दिया था. 

शहबाज शरीफ की सरकार ने मांग थी मदद

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन होने के बाद इमरान खान की जगह शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद संभाला था तो उन्होंने गिरती अर्थव्यवस्था संभालने के लिए IMF से मदद मांगी थी. इसके लिए दोनों के बीच बातचीत शुरू की गई थी. इस बीच FATF में भी पाकिस्तान की स्थिति में सुधार हुआ है. इस कारण IMF ने दोबारा कर्ज समझौता करने पर हामी भरी है. 

यह भी पढ़ें- इमरान खान ने फिर उगला जहर, 'कश्मीर दांव पर लगा भारत से दोस्ती करेंगे शहबाज शरीफ'

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