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Nancy Pelosi की यात्रा से तमतमाया था चीन, फिर ताइवान पहुंचा अमेरिकी सांसदों का डेलिगेशन

US Delegation Taiwan Visit: चीन की लगातार धमकियों और युद्धाभ्यास को दरकिनार करते हुए अमेरिकी सांसदों का एक दल ताइवान के लिए रवाना हो गया है. पिछली बार नैंसी पेलोसी के ताइवान जाने पर चीन ने खूब आपत्ति की थी.

Nancy Pelosi की यात्रा से तमतमाया था चीन, फिर ताइवान पहुंचा अमेरिकी सांसदों का डेलिगेशन

ताइवान के लिए निकला अमेरिकी दल

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डीएनए हिंदी: हाल ही में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) एशिया की यात्रा आईं थीं. अपनी एशिया यात्रा के दौरान वह ताइवान (Taiwan) भी पहुंचीं. चीन ने नैंसी पेलोसी के ताइवान जाने पर सख्त ऐतराज जताया. चीन इतना नाराज हुआ कि उसने अमेरिका को धमकी दी. इसके बाद उसने ताइवान के चारों ओर युद्धाभ्यास शुरू कर दिया. अब एक बार फिर से अमेरिकी सांसदों का एक डेलिगेशन ताइवान के लिए रवाना हो गया है. चीन की तमाम धमकियों को नज़रअंदाज करते हुए अमेरिका ने कहा था कि वह ताइवान के साथ खड़ा है. दूसरी तरफ, चीन इस कदम को अपनी 'वन चाइना' नीति का विरोध मानता है.

ताइवान के लिए रवाना हुए अमेरिकी सांसदों के दल की अगुवाई सीनेटर मार्के कर रही हैं. अमेरिका के मुताबिक, यह यात्रा क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, निवेश और ग्लोबल सप्लाई चेन को लेकर चर्चाओं के लिए है. ताइवान स्थित अमेरिकन इंस्टिट्यूट ने अपने बयान में कहा है, 'सीनेटर मार्के, जॉन गैरमेंडी, एलन लॉनथल, डॉन बेयर और अउमा अमाटा कोलमैन रेडवेगन 14 से 15 अगस्त के बीच ताइवान की यात्रा पर रहेंगे.'

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ताइवान के शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे अमेरिकी सांसद
यह डेलिगेशन ताइवान के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेगा और अमेरिका-ताइवान संबंधों पर भी चर्चा करेगा. इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन और एक-दूसरे के हित से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगा. अमेरिकी सांसदों के डेलिगेशन को अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यह नैंसी पेलोसी की यात्रा के दो हफ्ते बाद ही हो रहा है. दूसरी तरफ, चीन अभी भी अपना युद्धाभ्यास कर रहा है.

चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच ताइवान ने रविवार को ऐलान किया है कि वह अपनी शक्ति बढ़ाता रहेगा और अपने जैसी सोच वाले देशों से अपने संबंध भी बेहतर करेगा. ताइवान ने चीन पर आरोप लगाए हैं कि वह ताइपे पर हमला करना चाहता है. ताइवान का कहना है कि चीन की उकसाने की रणनीति की वजह से इस क्षेत्र में शांति भंग हो गई है और खतरा पैदा हो गया है.

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आपको बता दें कि चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है जबकि ताइवान खुद को एक स्वायत्त देश कहता है. नैंसी पेलोसी के ताइवान जाने के मुद्दे पर चीन ने ऐतराज जताते हुए कहा था कि इस तरह की यात्रा को चीन अपने आंतरिक मामलों में दखल मानेगा. चीन ने कई तरह की धमकियां दी थीं लेकिन नैंसी पेलोसी ने अपनी यात्रा जारी रखी.

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