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ब्रिटेन में जीती लेबर पार्टी का क्या है भारत की आजादी से कनेक्शन, कंजर्वेटिव पार्टी ने की थी गद्दारी

ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी ने बहुमत हासिल कर लिया है. लेकिन क्या आप जानते है कि इस पार्टी को भारत की दोस्ताना पार्टी भी कहते है? इस पार्टी का भारत की आजादी से भी कनेक्शन है.

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ब्रिटेन में आज 14 साल के इंतजार के बाद लेबर पार्टी सत्ता में आई है. यहां हुए आम चुनाव में 650 सीटों में से 400 से ज्यादा सीट हासिल कर लेबर पार्टी सरकार बनाने जा रही है. ब्रिटेन में कीर स्टार्मर PM बनने जा रहें हैं. लेबर पार्टी को हमेशा से भारत का दोस्त और हित चाहने वाली पार्टी माना गया है. 

लेबर पार्टी का भारत की आजादी में योगदान था. वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन की दूसरी मुख्य कंजर्वेटिव पार्टी भारत की आजादी के हमेशा विरोध में रही है. यहां तक की उस जामाने में कंजर्वेटिव पार्टी और इसके दिग्गज नेता विंस्टन चर्चिल भारत को आजादी देने के प्रबल विरोधी थे. 

ब्रिटेन में आम चुनाव जीती लेबर पार्टी को भारत की दोस्ताना पार्टी भी कहते है. ऐसा इसलिए क्योकिं ये वो पार्टी है जिसने दूसरे विश्व युद्ध के बाद भारत को आजादी देने का कानून बनाया और वास्तव में भारत को आजाद कर दिया. 

लेबर पार्टी आज भी जब भी ब्रिटेन में चुनाव जीतती है तो भारतीयों का ख्याल रखती है. यहां तक की इस पार्टी के घोषणा पत्र में भी भारत और भारतीयों के लिए वादें किए जाते हैं. ये वहीं लेबर पार्टी है जो दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान महत्वाकांक्षी सामाजिक सुधार कार्यक्रम पेश कर रही थी.

दरअल बात दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब ब्रिटेन में 1945 में आम चुनाव हुए तब की है. इस समय ब्रिटिश वोटरों के पास युद्ध के बाद अपने देश को नया स्वरूप देने का मौका था. उस समय देश में दो मुख्य राजनीतिक दल थे. पहला कंजर्वेटिव पार्टी और दूसरा लेबर पार्टी. 

दूसरे विश्वयुध्द के दौरान
कंजर्वेटिव पार्टी ने ब्रिटेन को दूसरे विश्व युद्ध से निपटने में मदद की लेकिन देश के संसाधनों को भी खोखला कर दिया. दूसरी तरफ लेबर पार्टी उस समय सामजिक अवधारणा के सुधार का काम कर रही थी. 


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दोनों ही पार्टियों ने जारी किए घोषणा पत्र
तभी दोनों ही पार्टियों ने चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. कंजर्वेटिव पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में लिखा कि ‘ ..भारतीय सेना की वीरता के बाद उन्हें डोमिनियन स्टेटस हासिल करने की योजना को अनदेखा नहीं करना चाहिए. तो लेबर पार्टी ने ब्रिटिश लोगों से कहा कि उसका उद्देश्य ‘ भारत को जिम्मेदार स्वशासन की ओर बढ़ाना है. वह अब भारत को स्वशासन का मौका देंगे.

लेबर पार्टी जीत गई चुनाव
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता विंस्टन चर्चिल भारत को आजादी देने के बिल्कुल भी इच्छुक नहीं थे. लेकिन उस समय चुनाव में लेबर पार्टी की जीत हुई और चर्चिल के हाथ से बात फिसलने लगी. क्लीमेंट एटली प्रधानमंत्री बने.  उसने वही किया, जिसकी बात अपने घोषणा पत्र में की थी. 

भारत की आजादी के लिए बना कानून
पार्टी ने भारत के स्वामित्व के लिए कदम उठाना शुरू कर दिए. वर्ष 1946 में लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली की सरकार वह कानून तैयार करने में जुट गई, जिसके जरिए भारत को आजादी मिलनी थी. इसका नाम था इंडिया इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 यानि भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947.  इस कानून को ब्रिटिस संसद में 18 जुलाई 1947 को मंजूरी मिल गई. 

15 अगस्त 1947 को एटली सरकार भारत को किया आजाद
प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने 20 फरवरी 1947 को हाउस ऑफ कामंस में घोषणा की कि ब्रिटिश सरकार 30 जून 1948 तक ब्रिटिश भारत को पूर्ण स्वशासन प्रदान करेगी. इसके बाद सत्ता का हस्तांतरण होने लगेगा. फिर भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र कर दिया गया.

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