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क्यों दुनिया रखती है China की Army पर नजर, जानें क्या है ड्रैगन की ताकत

चीन के पास सबसे ताकतवर सेना है. इसी सेना के दम पर चीन का दुस्साहस और उसकी चालाकियां भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. चीन की नजर अब दुनिया पर है.

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  • Jan 07, 2022, 06:55 PM IST

चीन की आर्मी जिसे People's Liberation Army भी कहते हैं, की ताकत हर साल बढ़ती ही जा रही है. अपनी विशाल सेना के दम पर ही चीन लगातार साउथ एशिया सी और एशिया में चालाकियां कर रहा है. उसके जखीरे में आधुनिकतम हथियार, मिसाइलों से लेकर दुश्मन पर वार करने के लिए सभी जरूरी उपकरण मजबूत हैं. इसके अलावा, चीन लगातार अपनी क्षमता का विस्तार भी कर रहा है. पश्चिमी देशों का मानना है कि चीन अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए लगातार अपने परमाणु हथियारों में इजाफा कर रहा है. 

1.5 भागों में बंटी है चीन की विशाल सेना 

5 भागों में बंटी है चीन की विशाल सेना 
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चीन ने अपनी सेना को 5 शाखाओं में बांट रखा है. इनमें थल सेना, नौसेना, वायु सेना, रॉकेट बल और रणीनितिक सपोर्ट बल शामिल हैं. साल 2021 में चीनी सेना में कुल कर्मचारियों की संख्या 21, 85,000 बताई गई है. चीन के पास इस वक्त दुनिया में सबसे सक्रिय सैन्यकर्मी हैं. इसके बाद भी चीन अपनी विस्तारवादी नीति को अंजाम देने के लिए लगातार सेना में निवेश को बढ़ा रहा है.



2.परमाणु हथियारों का भी जमा कर भंडार 

परमाणु हथियारों का भी जमा कर भंडार 
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चीन की कोशिश एशिया ही नहीं विश्व में सबसे बड़ी ताकत के तौर पर उभरने की है. ड्रैगन तेजी से अपने परमाणु हथियार बढ़ा रहा है. अगर इसी तेजी से चीन परमाणु हथियार बढ़ाता रहा तो 2030 तक उसके पास 1,000 परमाणु हथियार होंगे. तिब्बत और साउथ चाइना सी में चीन की साम्राज्यवादी नीतियों की वजह से पूरी दुनिया सतर्क है. इसके बाद भी बीजिंग की ओर से हमेशा ही आत्मरक्षा के लिए हथियार बढ़ाने की बात कही जाती है.



3.हर साल बड़ी रकम खर्च करता है सेना पर 

हर साल बड़ी रकम खर्च करता है सेना पर 
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पश्चिमी देशों के रक्षा विशेषज्ञों की राय है कि चीन में एक पार्टी की सरकार होने के कारण आंकड़ों में पारदर्शिता नहीं है. पश्चिमी देशों का मानना है कि चीन सेना पर खर्च करने के आंकड़ों को सार्वजनिक करता है लेकिन वे सही आंकड़े नहीं हैं. 2019 में चीन 245 बिलियन डॉलर सैन्य कार्यक्रमों में खर्च किए. सेना पर खर्च के मामले में चीन से आगे सिर्फ अमेरिका ही है.



4.हाइपरसोनिक मिसाइलों पर भारी खर्च 

हाइपरसोनिक मिसाइलों पर भारी खर्च 
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चीन अपनी सेना को अत्याधुनिक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में हाइपरसोनिक मिसाइलों पर भारी पैमाने पर खर्च किया है. हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की गति से भी 5 गुना तेजी से अपने लक्ष्य पर वार करती हैं. ये मिसाइलें इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों जितनी तेज नहीं होतीं है. इनकी खासियत है कि उड़ान के दौरान इनका पता लगाना मुश्किल होता है.



5.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स से आगे चलने की कोशिश

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स से आगे चलने की कोशिश
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चीन ने पिछले कुछ सालों में मिलिट्री रोबोटिक्स और मिसाइल गाइडेंस सिस्टम को मजबूत बनाने पर खूब काम किया है. इसके अलावा, बड़े पैमाने पर आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस तकनीक पर भी काम कर रहा है. इसके तहत, मानवरहित एरियल व्हीकल और मानवरहित नौसैनिक जहाजों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है.

(तस्वीरें सांकेतिक तौर पर इस्तेमाल की गई हैं.)



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