स्वीडन में सुरक्षाकर्मियों और दंगाइयों के बीच झड़प और गोलीबारी में 3 लोगों के घायल होने की खबर है. प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में भी आग लगाई है.
स्वीडन में कुरान जलाने के बाद भड़की हिंसा जारी है. मामला सामने आने के बाद से स्वीडन बीते 4 दिनों से जल रहा है. उपद्रवियों ने जमकर हिंसा और तोड़फोड़ की है. पुलिस पर भी हमले जारी हैं. सुरक्षा कर्मियों और दंगाइयों के बीच झड़प हुई और गोलीबारी में तीन लोग घायल हो गए हैं. रमजान में हो रही इस हिंसा का मुद्दा सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है.
1.अब तक 17 लोगों को लिया गया हिरासत में
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अब तक 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इससे पहले शनिवार को माल्मो शहर में एक रैली के दौरान बस समेत कई वाहनों में आग लगा दी गई थी. स्वीडन के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी और तोड़फोड़ की भी खबरें हैं. फिलहाल स्थानीय प्रशासन और पुलिस लगातार शांति बनाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं.
2.कुरान जलाने की घटना के बाद भड़की हिंसा
बता दें कि स्वीडन में कुरान जलाने का मामला सामने आने के बाद इराक, ईरान समेत दूसरे इस्लामिक देशों ने खुलकर आलोचना की थी. बीते दिनों ईरान और इराक में स्वीडिश राजदूतों को तलब किया गया था. सोशल मीडिया पर भी कुरान जलाने की घटना की निंदा की गई थी. उसके बाद स्वीडन में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपना विरोध भी दर्ज किया था. बाद में विरोध हिंसक हो गया और जमकर तोड़फोड़ की गई थी.
3.चरमपंथी संगठन ने ली है जिम्मेदारी
स्वीडन में कुरान जलाने की घटना की जिम्मेदारी चरमपंथी संगठन व स्टार्म कुर्स पार्टी चलाने वाले डेनिश-स्वीडिश चरमपंथी रासमुस पालुडन ने ली थी. उनकी ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने ही कुरान को जलाया है. चरमपंथी संगठन देश में मुस्लिम समुदाय के अलावा सरकार की रिफ्यूजी नीति को लेकर भी लगातार असंतोष जाहिर करता रहा है.
4.2 साल पहले भी स्वीडन में भड़के थे दंगे
बता दें कि 2 साल पहले अगस्त 2020 में स्वीडन के माल्मो शहर में स्ट्राम कुर्स पार्टी के ही लोगों ने कुरान की प्रति को जलाया था. उस वक्त भी इस घटना की काफी निंदा हुई थी और इसके बाद वहां दंगे हुए ते. यह घटना इस्लाम विरोधी प्रदर्शन के बाद हुई थी. स्ट्राम कुर्स स्वीडन का चरमपंथी संगठन है जो लगातार इस्लाम का विरोध करता रहा है.
5.सऊदी अरब भी कूदा, घटना की निंदा की
इस बीच सऊदी अरब ने जानबूझकर कुरान को जलाने और स्वीडन में मुस्लिमों के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि बातचीत के महत्व, सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए सतत प्रयास किए जाने की जरूरत है.