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कहीं आप रिश्ते निभाते हुए अपनी शारीरिक सीमा का अतिक्रमण तो नहीं कर रहे

रिश्ते निभाने के क्रम में लोग कई बार अपनी शारीरिक सीमाओं का अतिक्रमण कर देते हैं जैसे कोई बीमार व्यक्ति बहुत कष्ट में भी लगातार जुटा हुआ हो...

कहीं आप रिश्ते निभाते हुए अपनी शारीरिक सीमा का अतिक्रमण तो नहीं कर रहे
Depression
  • भूमिका पांडेय

रिश्ते निभाने के क्रम में लोग कई बार अपनी शारीरिक सीमाओं का अतिक्रमण कर देते हैं जैसे कि कोई व्यक्ति किसी बीमारी से जूझ रहा होता है और बहुत शारीरिक कष्ट के बाद भी वह संबंधों को उतनी ही तत्परता से निभाता है जितना कि कोई सामान्य व्यक्ति.

जैसे स्लिप डिस्क से जूझता कोई व्यक्ति अपने मेहमानों के आतिथ्य / घरेलू ज़िम्मेदारियों में बेपरवाह हो जाए...

Bhoomika Pandey

जैसे कि कोई व्यक्ति जो हाई ब्लडप्रेशर जैसी समस्या से जूझ रहा हो और ज़रा सा तनाव भी उसकी समस्या को बहुत बढ़ा देता हो. उसके बाद भी किसी निकट संबंधी के निरंतर तनाव देने के बावजूद वो उस रिश्ते को पूरी ऊर्जा दे रहा हो महज प्रेम के चलते... जैसे कि गुस्से में सामान फेंकने और क्रोध में कांपते, अपशब्द कहते व्यक्ति को झेलते परिजन.

बाहर से देखने पर लग सकता है कि क्या बड़ी बात है पर ऐसा करने मात्र से उनको बेहद तकलीफ़ होती है जिसके साक्षी बस वे ही होते हैं पर सबसे बड़ी बात कि वो  मुस्कुराते रहते हैं.

आप बाद में कितना भी सामान्य व्यवहार कर लें तनाव/शारिरिक दबाव उनके शरीर और मानसिक स्वास्थ्य का नुकसान कर चुका होता है. ज़रूरत है कि ऐसे लोगों को बहुत प्यार से सहेजा जाए जो  रिश्ते निभाने के लिए अपनी तकलीफ़ों को दरकिनार कर देते हैं.

 

 

भूमिका पांडेय मध्य प्रदेश सरकार में पदाधिकारी हैं और साहित्यानुरागी हैं.

(यहां दिए गए विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)

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