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BJP की गुजरात में सबसे कमजोर कड़ी क्या है, जिसका AAP-Congress उठाएंगी फायदा? समझिए पूरा खेल

Gujarat Election 2022: गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जलवा कायम है लेकिन एक मुद्दा ऐसा भी है जो बीजेपी को परेशान कर सकता है.

BJP की गुजरात में सबसे कमजोर कड़ी क्या है, जिसका AAP-Congress उठाएंगी फायदा? समझिए पूरा खेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में उमड़ी भारी भीड़. (Photo Credit @BJP/twitter)

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डीएनए हिंदी: गुजरात (Gujarat Election 2022) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भारतीय जनता पार्टी (BJP) लिए सबसे बडे़ विनिंग फैक्टर हैं. मोदी मैजिक से इस चुनावी राज्य में कोई इनकार नहीं कर सकता लेकिन एक मुद्दा ऐसा भी है, जिस पर आम आदमी पार्टी (AAP) और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) के तंज बीजेपी पर भारी पड़ सकते हैं. गुजरात भीषण बेरोजगारी से जूझ रहा है. युवाओं की नाराजगी बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है.

गुजरात में दिसंबर, 2021 तक करीब 3.64 लाख लोगों ने रोजगार कार्यालयों में रजिस्ट्रेशन करवाया था. सबसे ज्यादा 26,921 बेरोजगार युवा वड़ोदरा जिले में हैं जबकि अहमदाबाद जिले में 26,628, आणंद जिले में 22,515, राजकोट जिले में 18,997, खेड़ा जिले में 16,163 हैं. ये बेरोजगार सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ भी जा सकते हैं.

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चुनावी शोरगुल में गुम है बेरोजगारी का मुद्दा

मार्च 2022 में ही राज्य विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों के प्रश्नों के लिखित उत्तर में श्रम, कौशल विकास और रोजगार मंत्री ब्रजेश मेरजा ने ये आंकड़े दिए थे. गुजरात में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है लेकिन इस बीजेपी शासित राज्य का शासन मॉडल केंद्र के नरेन्द्र मोदी शासन के मूल में रहा है. बेरोजगारी का मुद्दा दब गया है लेकिन यह बीजेपी का गेम बिगाड़ सकता है.


गुजरात में है 2.83 फीसदी है बेरोजगारी दर

गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव हैं. सेंटर फोर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (CMIE) ने हाल की भारत में बेरोजगारी पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा था कि इस साल मई और अगस्त के बीच गुजरात में बेरोजगारी दर 2.83 प्रतिशत बताई है जबकि इस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर यह 10.86 फीसद थी. 

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लाखों में आवेदक, खाली पदों पर नहीं हो रही भर्ती 

CMIE ने गुजरात में 9,066 परिवारों के सर्वेक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला था. वह मुम्बई का एक फ्री थिंक टैंक है जिसकी स्थापना 1976 में की गई थी. गुजरात में बेरोजगारी के परिदृश्य का जो असल संकेत नजर आता है वह यह है कि कुछ महीने पहले करीब 17 लाख अभ्यर्थियों ने तलाती सह मंत्री या ग्राम पंचायत सचिव के 3400 रिक्त पदों के लिए कथित रूप से आवेदन दिया था. 

ये मुद्दे भी बढ़ा सकते हैं बीजेपी की टेंशन 

जसदान विधानसभा क्षेत्र के अटकोट गांव के राजू कोली ने कहा, 'सत्ता में जो भी आए, उसे हम जैसे गरीबों के बारे में सोचना चाहिए. हमें रोजगार के अवसर मिलने चाहिए, गैस सिलेंडर जैसी जरूरी चीजें सस्ती की जानी चाहिए. सरकार को हम जैसे लोगों के बारे में सोचना चाहिए.'

नरेंद्र मोदी हैं सर्वमान्य नेता लेकिन खटकती है बेरोजगारी 

राज्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में लोगों में सहमति है लेकिन बेरोजगारी की शिकायत कम ही सही, लेकिन गाहे-बगाहे सिर उठाती है. सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थियों ने कहा कि बीजेपी ने सड़कों का निर्माण कर, बिजली एवं जलापूर्ति में सुधार कर विकास किया है, लेकिन उनमें से कुछ ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर उसके रिकार्ड को लेकर सवाल भी उठाए. 

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गोधरा विधानसभा क्षेत्र के दीपक पढियार ने पुलिस कांस्टेबल पद के लिए आवेदन किया था लेकिन वह लिखित परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाया. उसने कहा, 'मेरे पिता राज्य आरक्षित पुलिस बल में मोची और मां गृहिणी हैं . मां जूते की दुकान भी संभालती हैं . दुकान से बमुश्किल कोई कमाई होती है. अब मैं राजस्व अधिकारी के लिए आवेदन करना चाहता हूं. इस बार मेरी वरीयता AAP होगी. 

कांग्रेस-AAP के लिए क्यों है बड़ा मौका?

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी लगातार बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी सरकार को घेर रही हैं. दोनों पार्टियों के पास बेरोजगारी और महंगाई पर केंद्र को घेरने का अच्छा मौका है. वोटरों का मिजाज भी बदल रहा है. मौजूदा हालात में ये मुद्दे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. (इनपुट: भाषा)

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