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राजस्थान में जड़ें जमाने के लिए बेताब AAP, क्या है केजरीवाल की नई रणनीति?

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए AAP ने अभी से कमर कस ली है. अरविंद केजरीवाल का ध्यान अब राजस्थान पर है.

राजस्थान में जड़ें जमाने के लिए बेताब AAP, क्या है केजरीवाल की नई रणनीति?

Arvind Kejriwal with Bhagwant Mann.

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डीएनए हिंदी: पंजाब (Punjab) विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित आम आदमी पार्टी (AAP) अब राजस्थान (Rajasthan) में अपना आधार मजबूत करने की योजना बना रही है. पार्टी नेताओं के मुताबिक राजस्थान में संगठन को मजबूत करने के लिए AAP 26-27 मार्च को दो दिवसीय राज्य स्तरीय 'विजय उत्सव' सम्मेलन करेगी.

आम आदमी पार्टी के राज्य प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे. AAP के राज्य सह प्रभारी खेमचंद जागीरदार ने कहा, 'पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. राजस्थान पंजाब का पड़ोसी राज्य है और नई दिल्ली के करीब है, इसलिए राज्य में संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी 26 और 27 मार्च को दो दिवसीय राज्य सम्मेलन आयोजित कर रही है.'

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संजय सिंह ने कहा कि पार्टी की नीतियों को जमीनी स्तर पर आगे ले जाने और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

विधानसभा चुनाव 2023 पर नजर

राजस्थान में 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. खेमचंद जागीरदार ने कहा कि राजस्थान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा जल्द की जाएगी. पार्टी नेताओं ने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान द्वारका (दिल्ली) से AAP के विधायक और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा को राजस्थान की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

अरविंद केजरीवाल के साथ भगवंत मान.


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क्या था 2018 विधानसभा चुनावों में हाल?


सांसद संजय सिंह नए चेहरे को पेश कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अगले महीने सर्वेक्षण शुरू करने जा रही है और राज्य में प्रमुख राजनीतिक दलों का विकल्प देने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है. गौरतलब है कि AAP ने 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में राज्य की 200 सीटों में से 142 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. हालांकि उसके एक भी उम्मीदवार को सफलता नहीं मिली और उसे कुल मिलाकर 0.4 प्रतिशत वोट मिले. (भाषा इनपुट के साथ)

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