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UP Election 2022: इस सीट पर चलता है केवल 'राम' का नाम, पार्टी और सरकार से नहीं पड़ता फर्क

इस विधानसभा सीट पर भगवान राम के नाम का जादू चलता है और एक अनोखा रिकॉर्ड भी बन चुका है. ऐसे में UP Election 2022 में इस सीट का नतीजा दिलचस्प होगा.

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UP Election 2022: इस सीट पर चलता है केवल 'राम' का नाम, पार्टी और सरकार से नहीं पड़ता फर्क
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डीएनए हिंदी:  राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के लिए सदैव संवेदनशील रहा है. केंद्र से लेकर राज्‍यों तक के चुनाव में छाए रहने वाले राम मंदिर (Ram Mandir) का मुद्दा उत्‍तर प्रदेश के चुनाव (UP Election 2022) में अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. यहां की एक विधानसभा सीट ऐसी है जहां भगवान श्रीराम के नाम का गजब का जादू चलता है. इस सीट पर आकर मुख्‍यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक सिर झुका लेते हैं.

हावी रहेगा भगवान श्रीराम का नाम

निश्चित है कि UP Election 2022 में भी राम मंदिर का मुद्दा हावी रहेगा क्योंकि सभी राम मंदिर निर्माण में खुद को किसी न किसी तरह जोड़ना चाहते हैं. वहीं बात अगर भगवान श्रीराम के जन्म स्थान अयोध्या की बात करें तो इस विधानसभा सीट पर भगवान श्रीराम के नाम के बिना कोई कार्य सिद्ध हो ही नहीं सकता है. एक दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर ज्‍यादातर उन्‍हीं प्रत्‍याशियों ने जीत दर्ज की है. जिनके नाम में राम शब्‍द है. यह वाकई एक गजब संयोग है. 

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विधायक के नाम भी राम

दरअसल, अयोध्‍या Ayodhya की बीकापुर विधानसभा सीट (Bikapur Assembly Seat) पर सबसे ज्‍यादा कब्‍जा राम नाम के प्रत्‍याशियों का ही रहा है. यहां 10 विधायक ऐसे हो चुके हैं जिनके नाम में राम शब्‍द जुड़ा हुआ है. आपको बता दें कि 1962 में बनी बीकापुर सीट पर पहली बार के चुनाव में कांग्रेस के अखंड प्रताप सिंह विधायक बने. इसके बाद 1974 से यहां राम नाम का जलवा शुरू हो गया.

वर्ष 1974 के विधानसभा चुनावों में पहली बार यहां राम नाम के कांग्रेस प्रत्‍याशी सीताराम निषाद विधायक चुने गए थे. इसके बाद उनकी जीत का सिलसिला भी जारी रहा. वे कुल 6 बार इस सीट से विधायक बने. इस सीट से विधायक चुने गए राम नाम के दूसरे प्रत्‍याशी का नाम है संत श्रीराम द्विवेदी है. वे भी यहां से 3 बार विधायक बने. उन्‍होंने जनता पार्टी की टिकट पर भी चुनाव लड़ा और बाद में बीजेपी के टिकट पर भी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की. वहीं इसके बाद 1993 के चुनावों में इस सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी परशुराम राम ने जीत दर्ज की थी. 

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2007 तक कायब रहा रिकॉर्ड

आपको बता दें कि 1974 से लेकर सन 2007 तक जितने भी विधायक बने उन सभी के नाम में राम था. वहीं यह सिलसिला 2007 में टूट गया और बसपा के जितेंद्र सिंह बब्‍लू जीते. इसके बाद 2012 में सपा के मित्रसेन यादव और 2016 में सपा के आनंदसेन यादव और 2017 में बीजेपी की शोभा सिंह चौहान ने यहां जीत दर्ज की थी. ऐसे में यह माना जा रहा है कि एक बार फिर इस सीट पर राम नाम का जादू चल सकता है. 

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