Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

UP Election 2022: Owaisi को भविष्य का विकल्प मानते हैं पूर्वांचल के मुसलमान! इसबार है यह प्राथमिकता

AIMIM की मौजूदगी का आलम यह है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग इसे भविष्य का विकल्प मानने लगे हैं.

UP Election 2022: Owaisi को भविष्य का विकल्प मानते हैं पूर्वांचल के मुसलमान! इसबार है यह प्राथमिकता

Image Credit- Twitter/aimim_national

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीतने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यूपी चुनाव में कैसा प्रदर्शन करेगी यह तो दस मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम ही बताएंगे. AIMIM इस चुनाव में भले ही खाता खोल पाए या न लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि उसने सपा-बसपा का गढ़ कहे जाने वाले पूर्वांचल के कई इलाकों में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी है.

AIMIM की मौजूदगी का आलम यह है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग इसे भविष्य का विकल्प मानने लगे हैं, हालांकि उनका यह भी कहना है कि समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की सीधी लड़ाई में इस बार शायद ओवैसी की पार्टी कोई खास कामयाबी हासिल नहीं कर सके.

पढ़ें- Akhilesh बोले- सत्ता में आए तो गरीबों को देंगे एक किलो घी और मुफ्त राशन

पूर्वी उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दशकों से मुस्लिम समुदाय के लोग सपा या बसपा का समर्थन करते आ रहे हैं और इस बार भी यही परिपाटी कायम रह सकती है क्योंकि लोग वोट बंटने की आशंका को लेकर चिंतित नजर आते हैं. आजमगढ़ जिले में मुबारकपुर विधानसभा सीट को छोड़कर अन्य किसी स्थान पर AIMIM मुकाबले में नहीं दिखती.

पढ़ें- अखिलेश, मुलायम और शिवपाल 5 साल बाद दिखे एक साथ, विरोधियों के लिए क्या है संदेश?

बहरहाल, मुबारकपुर में मुख्य रूप से अपने उम्मीदवार शाम आलम ऊर्फ गुड्डू जमाली के चलते AIMIM मुकाबले में नजर आ रही है. हालांकि, आजमगढ़ में कुछ मुसलमान ऐसे हैं जो यह दलील देते हैं कि AIMIM उनकी ‘अपनी पार्टी’ है और अगर वह हारती है तो भी उसका समर्थन करने की जरूरत है ताकि उसका विस्तार हो सके.

पढ़ें- मरम्मत के लिए भेजे गए 'बुलडोजर', 10 मार्च के बाद फिर काम शुरू करेंगे: CM Yogi

आजमगढ़ जिले के फूलपुर पवई इलाके के दुकानदार ओबैदुल्ला कहते हैं कि कांग्रेस, सपा और बसपा का साथ देने की एवज में मुसलमानों को कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा, "ओवैसी हमारी आवाज उठाते हैं. हमें उनके लिए वोट क्यों नहीं करना चाहिए. हमारी अपनी पार्टी होनी चाहिए क्योंकि कई समुदायों की अपनी पार्टी है."

पढ़ें- योगी और अखिलेश बिछड़े हुए दो भाई, दोनों की मानसिकता एक- ओवैसी 

कई मुसलमान मतदाताओं का मानना है कि इस बार लोग वोटों का बंटवारा नहीं चाहते क्योंकि उनका मकसद योगी आदित्यनाथ सरकार को सत्ता से हटाना है. सगड़ी इलाके में चाय की दुकान चलाने वाले मतलूब आलम ने कहा, "AIMIM को वोट मिलता, लेकिन यह इस बार नहीं होगा क्योंकि इस बार मुख्य लक्ष्य योगी सरकार को हटाने का है. AIMIM को समर्थन मिल रहा है, लेकिन वह जीतने की स्थिति में नहीं है."

पढ़ें- UP Election 2022: सरकार बनते ही करेंगे अधिकारियों से 'हिसाब-किताब', Mukhtar Ansari के बेटे कहा

आजमगढ़ शहर के तकिया इलाके के निवासी शमीम आगा कहते हैं, "ग्रामीण इलाके में मुस्लिम युवा AIMIM की ओर बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं. लेकिन मुश्किल है कि यह वोट में तब्दील हो. जैसे कि लोग यहां कहते हैं कि कांग्रेस अच्छी पार्टी है लेकिन उसे वोट नहीं देते. यही बात यहां AIMIM के साथ है."

पढ़ें- मुख्तार अंसारी का गढ़ है मऊ विधानसभा सीट, क्या बेटे की सियासी पकड़ कमजोर कर पाएगी BJP?

गाजीपुर जिले के जहूराबाद क्षेत्र में सपा समर्थकों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भले ही AIMIM के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन आखिर वह यह देखेंगे कि भाजपा सरकार को हटाने के लिए क्या करने की जरूरत है. AIMIM के बारे में बात करने के साथ ही ज्यादातर मुसलमान इस बार ‘बदलाव’ पर जोर दे रहे हैं.

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement