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अब साइबर ठगी के खिलाफ मिलेगा इंश्योरेंस कवर लेकिन कहां आएंगी मुश्किलें? एक्सपर्ट्स से जानें

जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी ICICI लोम्‍बार्ड ने 14 अलग-अलग क्षेत्रों में इंश्योरेंस कवर देने की प्लानिंग की है.

अब साइबर ठगी के खिलाफ मिलेगा इंश्योरेंस कवर लेकिन कहां आएंगी मुश्किलें? एक्सपर्ट्स से जानें

Cyber Crime Cases

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डीएनए हिंदी: साइबर क्राइम की घटनाएं इन दिनों तेजी से बढ़ी हैं. ओटीपी फ्रॉड से लेकर फिशिंग तक के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम यूनिट पर इतने पेंडिंग केसेज का लोड है कि लोग भागते-दौड़ते रह जा रहे हैं. साइबर ठग एक क्लिक में लोगों के खातों से लाखों की रकम उड़ा ले रहे हैं. अब साइबर इश्योरेंस देने वाली एक बड़ी कपनी सामने आई है.

जनरल इंश्‍योरंस कंपनी ICICI लोम्‍बार्ड (ICICI Lombard) ने अपने पोर्टफोलियो साइबर कबर देने का फैसला किया है. यह कंपनी रिटेल साइबर लायबिलिटी इंश्योरेंस पालिसी लेकर आई है. अगर आप इस इंश्योरेंस पॉलिसी को लेने के बाद भी साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो आपको कवर मिल सकता है. इसके अलावा अब ग्राहक मोटर इंश्‍योरेंस, हेल्‍थ इंश्‍योरेंस और कॉरपोरेट सेक्‍टर से जुड़े रिस्‍क के लिए इंश्‍योरेंस करवेज हासिल कर सकते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं कि इन पॉलिसियों की खासियत क्या है और इसे क्लेम करने में कहां दिक्कत आएगी.

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नए बदलाव से गुजर रही हैं इंश्योरेंस कंपनियां 

अब जनरल इंश्योरेंस कंपनिया अलग-अलग तरह की पॉलिसी लेकर आ रहे हैं. डिजिटल दुनिया में ऑनलाइन सेक्टर में सबसे बड़ा रिस्क है. तरह-तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड सामने आ रहे हैं.इसी वजह से नए जोखिमों को देखते हुए बीमा पॉलिसी लॉन्च करने की कोशिश की जा रही है. नए जोखिमों पर जनता को राहत देने के लिए कंपनियों को पोर्टफोलियो में बदलाव करना पड़ रहा है. 

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क्या ऐसी पॉलिसीज पर लोग जताएंगे भरोसा?

ज्यादातर साइबर क्राइम के शिकार लोग वही हैं, जिनमें साइबर जागरूकता न के बराबर है. ग्रामीण और मध्यम वर्गीय परिवार के लोग ज्यादा इस क्राइम के शिकार होते हैं. लोग अनजाने में अपने ओटीपी, पैन कार्ड और आधार कार्ड के जरूरी डीटेल्स शेयर कर देते हैं. साइबर ठगों के कई रैकेट लूट में जुटे हैं.

साइबर मामलों को कवर करने वाले एडवोकेट विशाल अरुण मिश्रा कहते हैं, 'फाइनेंशियल फ्रॉड के केस को मजबूत करने के लिए जिन साक्ष्यों की जरूरत पड़ती है, एक बड़ी आबादी उसे जुटा ही नहीं सकती है. स्टेप वाइज स्क्रीनशॉट, मेल ट्रेल और फोन कॉल्स की डीटेल्स पुलिस मांगती है. इंश्योरेंस कंपनी भी बीमा क्लेम करने के लिए इन विवरणों को मांगेंगी. इन्हें जुटाना भी ठगी के शिकार लोगों के लिए मुश्किल होगा. जागरूक न होना लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है.'

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एडवोकेट उज्ज्वल भरद्वाज कहते हैं कि ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड रोकने के लिए इंश्योरेंस से भी जरूरी चीज है जागरूकता. अगर लोग जागरूक होंगे तभी फाइनेंशियल फ्रॉड रुकेगा. 

और किन क्षेत्रों को कवर कर रही है इंश्योरेंस कंपनी?

जी बिजनेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी हेल्थ सेक्टर में बीफिट, कॉम्प्रिहेंसिव हेल्‍थ इंश्‍योरेंस (CHI), गोल्‍डेन शील्‍ड, हेल्‍थ एडवांटेज, और हेल्‍थ बूस्‍टर इंश्‍योरेंस जैसी पॉलिसी लेकर आई है.

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कॉरपोरेट सेक्‍टर के लिए कंपनी ने क्‍लब रॉयल होम इंश्‍योरेंस, वोयाजर ट्रैवल इंश्‍योरेंस, लायबिलिटी फ्लोटर, ड्रोन इंश्‍योरेंस और  रिटेल साइबर लायबिलिटी इंश्‍यारेंस पेश किया है. 

क्या रहा है कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड?

ICICI लोम्‍बार्ड ने 31 मार्च 2022 को खत्म फाइनेंशियल ईयर में करीब 23 लाख क्लेम सेटल किया है. जी बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह कंपनी अब तक 2.93 करोड़ से ज्‍यादा पॉलिसीज जारी कर चुकी है. अब यह कंपनी साइबर ठगी के शिकार लोगों के मामलों का निपटारा कैसे करती है, यह देखने वाली बात होगी.

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