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फिच ने आर्थिक ग्रोथ पर दिया भारत को झटका, कहा-अगले वित्त वर्ष में 7 फीसदी से नीचे रहेगी ग्रोथ 

फिच रेटिंग्स ने भारत के मौजूदा वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के ग्रोथ अनुमान को कम किया है और यूरोप और अमेरिका में मंदी के संकेत दिए हैं.

फिच ने आर्थिक ग्रोथ पर दिया भारत को झटका, कहा-अगले वित्त वर्ष में 7 फीसदी से नीचे रहेगी ग्रोथ 
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डीएनए हिंदी: फिच रेटिंग्स  (Fitch Ratings) ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष के लिए अपने भारत के आर्थिक विकास के अनुमान (India economic growth Forecast)  को 7.8 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर 7 फीसदी कर दिया. फिच ने कहा कि जून में 7.8 फीसदी की वृद्धि के अनुमान की तुलना में, अब उसे 2022-23 में अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी बढऩे की उम्मीद है, अगले वित्त वर्ष में भी यह 7.4 फीसदी के पहले के अनुमान से 6.7 फीसदी तक धीमा हो जाएगा. फिच ने विश्व सकल घरेलू उत्पाद (World GDP) के विकास के अनुमान को भी घटाकर 2.4 फीसदी कर दिया, जून के अनुमान से 0.5 फीसदी कम और 2023 में केवल 1.7 फीसदी, 1 पीपीटी की कटौती की. यूरोजोन और यूके के अब इस साल के अंत में मंदी में प्रवेश करने की उम्मीद है और वैश्विक रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि अमेरिका को 2023 के मध्य में हल्की मंदी का सामना करना पड़ेगा. फिच को उम्मीद है कि यूरोजोन अर्थव्यवस्था 2023 में 0.1 फीसदी तक सिकुड़ जाएगी.

फिच ने ग्रोथ अनुमान को किया कम 
फिच रेटिंग के अनुसार इंडियन इकोनॉमी वित्तीय वर्ष में मार्च 2023 के अंत तक 7 फीसदी की दर से पहले अनुमानित 7.8 फीसदी से बढ़ेगी, 2023-24 के साथ भी 7.4 फीसदी अनुमान से धीमी होकर 6.7 फीसदी हो जाएगी. अमेरिका में, वृद्धि दर 2022 में 1.7 फीसदी और 2023 में 0.5 फीसदी देखी गई है. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि चीन की रिकवरी कोविड-19 महामारी प्रतिबंधों और लंबे समय तक संपत्ति में गिरावट के कारण नहीं देखने को मिल रही है और अब हम इस वर्ष विकास दर 2.8 प्रतिशत और अगले वर्ष 4.5 प्रतिशत तक ठीक होने की उम्मीद हैं. 

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दुनिया के केंद्रीय बैंक हुए सख्त 
ऑप्शन खोजने के यूरोपीय संघ के प्रयासों के बावजूद, कुल यूरोपीय संघ गैस सप्लाई निकट अवधि में महत्वपूर्ण रूप से गिरने की संभावना है, जिसका प्रभाव इंडस्ट्रीयल सप्लाई चेन में महसूस किया जाएगा. बढ़ती महंगाई को देखते हुए यूएस फेड, बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) और ईसीबी जैसे केंद्रीय बैंक हाल के महीनों में और अधिक कठोर हो गए और नीतिगत दरों में अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से वृद्धि हुई है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यूएस फेड के अब साल के अंत तक दरों को 4 प्रतिशत तक ले जाने और 2023 तक उन्हें वहीं रखने की उम्मीद है, ईसीबी नीतिगत दर दिसंबर तक 2 प्रतिशत तक बढऩे की उम्मीद है, और बीओई बैंक दर फरवरी 2023 तक 3.25 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है. 

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