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Tata Group ने Bisleri के साथ 7 हजार करोड़ रुपये के अधिग्रहण को किया रद्द, जानिए क्या है वजह?

Tata Bisleri Deal: Tata Group ने Bisleri के साथ अधिग्रहण का करार तोड़ दिया है. यह अधिग्रहण 7 हजार करोड़ रुपये में होने वाली थी.

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Tata Group ने Bisleri के साथ 7 हजार करोड़ रुपये के अधिग्रहण को किया रद्द, जानिए क्या है वजह?

Tata Bisleri Deal

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डीएनए हिंदी: टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products) ने नवंबर में घोषणा की थी की बिसलेरी (Bisleri) के सौदेबाजी को लेकर दोनों कंपनियों के बीच बातचीत चल रही है. हालांकि हाल ही में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products) ने सूचित किया कि उसने पैकेज्ड वाटर जायंट के संभावित अधिग्रहण के लिए बिसलेरी के साथ चर्चा बंद कर दी है. यदि यह सौदा हुआ होता, तो चाय से स्टील तक का ग्रुप भारतीय पैकेज्ड पानी के क्षेत्र में अग्रणी बन जाएगा.

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, "कंपनी यह अपडेट करना चाहती है कि उसने संभावित लेनदेन के संबंध में बिसलेरी के साथ बातचीत बंद कर दी है और यह पुष्टि करने के लिए कि कंपनी ने इस मामले पर कोई निश्चित समझौता या बाध्यकारी प्रतिबद्धता नहीं की है." .

मालूम हो की नवंबर 2022 में टाटा समूह (Tata Group) अनुमानित 6,000-7,000 करोड़ रुपये में कंपनी को खरीदने के लिए बिसलेरी इंटरनेशनल के साथ बातचीत कर रहा था.

बिसलेरी इंटरनेशनल (Bisleri International) के अध्यक्ष रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया, "मुझे टाटा की इंटीग्रिटी और वैल्यूज पसंद है और इसलिए अन्य इच्छुक खरीदारों द्वारा दिखाए गए आक्रामकता के बावजूद मैंने अपना मन बना लिया."

इस महीने की शुरुआत में पता चला कि मूल्यांकन को लेकर टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products) और बिसलेरी इंटरनेशनल (Bisleri International) के बीच बातचीत ठप हो गई है.

बता दें कि बिसलेरी (Tata Bisleri Deal) के मालिक इस सौदे से लगभग 1 बिलियन डॉलर जुटाना चाह रहे थे, ब्लूमबर्ग ने इस मामले से ताल्लुक रखने वाले लोगों का हवाला देते हुए कहा कि टाटा के साथ बातचीत में रोड़ा अटक गया क्योंकि कंपनियां मूल्यांकन पर सहमत नहीं हो पा रही थीं. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, बिसलेरी के मालिक सौदे से करीब 1 अरब डॉलर जुटाना चाह रहे थे, लेकिन बाद में बातचीत में बाधा आ गई क्योंकि कंपनियां मूल्यांकन पर सहमत नहीं हो पा रही थीं.

वर्तमान में, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products) के पास हिमालयन नेचुरल मिनरल वाटर (Himalayan Natural Mineral Water) और टाटा वाटर प्लस ब्रांड (Tata Water Plus) हैं. टीसीपीएल (TCPL) में बिसलेरी को शामिल करने से भारत में बोतलबंद पानी के ब्रांडों के पोर्टफोलियो का विस्तार होता. जब एफएमसीजी (FMCG) सेगमेंट की बात आती है, तो टाटा कंज्यूमर अपने आक्रामक दृष्टिकोण के साथ शीर्ष तीन स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य रखता है, वह भी ऐसे समय में जब रिलायंस (Reliance) एफएमसीजी सेगमेंट में एक मजबूती की तलाश कर रहा है. बिसलेरी के अधिग्रहण से टीसीपीएल (TCPL) को पैकेज्ड पेयजल सेगमेंट में बेहतर जगह मिल जाती.

7000 करोड़ रुपये के विशाल अधिग्रहण से पहले टाटा-बिसलेरी (Tata-Bisleri) के बीच लगभग 2 साल से बात चल रही थी. उस समय बिसलेरी में रिलायंस रिटेल (Reliance Retail), नेस्ले (Nestle) और डेनोन (Danone) सहित कई दावेदार थे. अब बिसलेरी के लिए आगे क्या तय होता है यह तो केवल समय बताएगा.

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