Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

EPFO interest calculation: EPFO ​​दे रहा है ब्याज का पैसा, क्या खाते में जमा पूरे पैसे पर मिलेगा ब्याज?

EPFO interest calculation: ईपीएफ खाते में हर महीने जमा होने वाले मासिक रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की गणना की जाती है जिसे साल के अंत में जमा किया जाता है.

Latest News
EPFO interest calculation: EPFO ​​दे रहा है ब्याज का पैसा, क्या खाते में जमा पूरे पैसे पर मिलेगा ब्याज?

EPFO

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के मूल और महंगाई भत्ते का 24 प्रतिशत भविष्य निधि खाते (EPF Account) में जमा किया जाता है. इस ईपीएफ खाते में जमा राशि पर सरकार हर साल ब्याज देती है. इस बार भी ब्याज क्रेडिट शुरू हो गया है. क्या आप जानते हैं कि पीएफ खाते में ईपीएफ ब्याज की गणना कैसे की जाती है? खाताधारकों का मानना ​​है कि भविष्य निधि में जमा किए गए पूरे पैसे पर ब्याज मिलता है लेकिन ऐसा नहीं होता है. पीएफ खाते (Provident Fund) में पेंशन फंड में जाने वाली राशि पर ब्याज की कोई गणना नहीं है.

ईपीएफ पर ब्याज की गणना

ईपीएफ ब्याज की गणना हर महीने ईपीएफ खाते में जमा मासिक रनिंग बैलेंस के आधार पर की जाती है. हालांकि इसे साल के अंत में जमा किया जाता है. EPFO के नियम के मुताबिक अगर चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बकाया रकम में से एक साल में कोई रकम निकाली जाती है तो उस पर 12 महीने का ब्याज काट लिया जाता है. EPFO हमेशा अकाउंट के ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस को लेता है. इसकी गणना करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को ब्याज दर/1200 से जोड़ा और गुणा किया जाता है.

लगातार निकासी से होने वाला नुकसान

चालू वित्त वर्ष के दौरान यदि कोई राशि निकाली जाती है तो ब्याज की राशि (पीएफ ब्याज गणना) वर्ष की शुरुआत से निकासी से ठीक पहले के महीने तक ली जाती है. साल का क्लोजिंग बैलेंस (पीएफ बैलेंस) इसका ओपनिंग बैलेंस + योगदान-निकासी (यदि कोई हो) + ब्याज होगा.

इसे ऐसे समझें

मूल वेतन + महंगाई भत्ता (DA) = 30,000 रुपये
कर्मचारी अंशदान ईपीएफ = 30,000 रुपये का 12% = 3,600 रुपये 
नियोक्ता अंशदान ईपीएस (1,250 की सीमा के अधीन) = 1,250 रुपये
नियोक्ता अंशदान ईपीएफ = (3,600 रुपये -1,250 रुपये) = 2,350 रुपये
कुल मासिक ईपीएफ अंशदान = 3,600 रुपये + 2350 रुपये = 5,950 रुपये

यह फ़ॉर्मूला लागू है

किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज दर सरकार द्वारा अधिसूचित की जाती है. चालू वित्त वर्ष के अंत में ब्याज की गणना (EPF interest) की जाती है. वर्ष के प्रत्येक माह की अंतिम तिथि को शेष राशि को जोड़कर उस राशि को निश्चित ब्याज दर को 1200 से भाग देकर ब्याज की राशि निकाली जाती है.


यह भी पढ़ें:  Stocks to Buy Today: इन स्टॉक्स में हो सकता है 33% का मुनाफा, देखें पूरी लिस्ट

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement