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Kisan Vikas Patra: किसान विकास पत्र की ब्याज दरों में हुआ बदलाव, अब इतने दिनों में पैसा मिलेगा डबल

किसान विकास पत्र में निवेश करने वालों को सरकार के इस कदम से दोगुना फायदा होगा. अब किसानों को अब 6.9 फीसदी की जगह 7 फीसदी ब्याज मिलेगा.

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Kisan Vikas Patra: किसान विकास पत्र की ब्याज दरों में हुआ बदलाव, अब इतने दिनों में पैसा मिलेगा डबल

Kisan Vikas Patra Interest Rate Changed

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डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए कई छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. 1 अक्टूबर से शुरू होने वाली तिमाही के लिए ब्याज दर में 30 बेसिस पॉइंट तक की बढ़ोतरी की गई है. जिन छोटी बचत योजनाओं का ब्याज बढ़ाया गया है उनमें किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) भी शामिल है. सरकार ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4% से बढ़ाकर 7.6% कर दी है जबकि किसान विकास पत्र पर ब्याज भी 6.9% से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है.

किसान विकास पत्र (KVP) में निवेश करने वालों को सरकार के इस कदम से दोगुना फायदा होगा. एक तो उन्हें अब 6.9 फीसदी की जगह 7 फीसदी ब्याज मिलेगा. वहीं पहले किसान विकास पत्र में निवेश 124 महीने में परिपक्व होता था अब यह 123 महीने में परिपक्व होगा. किसान विकास पत्र में मिलने वाले बेहतरीन रिटर्न और उसमें निवेश किए गए पैसे की सुरक्षा के कारण बड़ी संख्या में लोग इसमें पैसा लगाते हैं.

कौन निवेश कर सकता है?

18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी भारतीय नागरिक किसान विकास पत्र में निवेश कर सकता है. इसकी खास बात यह है कि इस योजना में निवेश 1,000 रुपये से ही शुरू किया जा सकता है. इसका एक फायदा यह है कि इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं है. यानी इसमें कितना भी पैसा लगाया जा सकता है. किसान विकास पत्र में 10 साल से कम उम्र के नाबालिग का भी खाता खोला जा सकता है लेकिन यह काम वयस्क को ही करना होगा.

कोई कर छूट नहीं

इस डाकघर योजना में निवेश करने पर आयकर छूट (TaxDiscount) नहीं मिलती है. निवेशक को निवेश की गई राशि और उस पर अर्जित ब्याज पर अपने टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर का भुगतान करना होता है. हालांकि इस योजना में टीडीएस नहीं काटा जाता है.

परिपक्वता से पहले निकासी संभव

यदि कोई व्यक्ति खरीद के 1 वर्ष के भीतर किसान विकास पत्र लौटाता है, तो उसे ब्याज नहीं मिलेगा. साथ ही उसे जुर्माना भी भरना होगा. अगर निवेशक के तहत ढाई साल बाद निकासी की जाती है, तो उसे कोई जुर्माना नहीं देना होगा और साथ ही निवेशक को पूरा ब्याज भी देना होगा.

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