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भारत में तेजी से बढ़ा Apple का मार्केट, पिछली तिमाही में 2.3 मिलियन iPhone बिके

Apple तेजी के साथ भारत में अपनी मार्केट में बना रहा है. चौथी तिमाही में एप्पल फोन की बिक्री बढ़कर 2.3 मिलियन यूनिट हो गई है.

भारत में तेजी से बढ़ा Apple का मार्केट, पिछली तिमाही में 2.3 मिलियन iPhone बिके
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डीएनए हिंदी: भारत दुनिया के सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट के तौर उभर कर सामने आ रहा है.  Apple Inc. के लिए भी भारत काफी मजबूत मार्केट बनता दिख रहा है. जानकारियों के अनुसार iPhone बिक्री के लिए यह अब तक की सबसे मजबूत तिमाही थी.  मार्केट के ट्रेंड से साफ पता चल रहा है कि क्यूपर्टिनो, कैलिफ़ोर्निया स्थित यह कंपनी बहुत तेजी के साथ भारतीय मार्केट में खुद को स्थापित कर रही है.

मार्केट रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट (Counterpoint) के आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही में एप्पल फोन की बिक्री बढ़कर 2.3 मिलियन यूनिट हो गई है. यह एक साल पहले की तुलना में 34% अधिक है. वहीं चीन की Xiaomi Corp. और दक्षिण कोरिया की सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ने इस तिमाही में क्रमश: 9.3 मिलियन और 7.2 मिलियन स्मार्टफोन बेचे हैं.

एप्पल का रेवेन्यू रहा सबसे तगड़ा 

रेवेन्यू के आंकड़ों को देखने से यह  साफ़ पता चल रहा है कि एप्पल (Apple) ने अपनी किसी भी प्रतिद्वंदी कंपनी की तुलना में ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट किया है. हालांकि काउंटरपॉइंट (Counterpoint) की गणना के मुताबिक आईफोन की प्रीमियम कीमत की वजह से  यह रेवेन्यू जेनरेट हुआ है. अमेरिकी कंपनी ने इस तिमाही के लिए लगभग 2.09 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट किया वहीं सैमसंग का राजस्व लगभग 2 बिलियन डॉलर  रहा.

मुंबई स्थित काउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च (Counterpoint Technology Market Research) के पार्टनर और रिसर्च हेड नील शाह का कहना है कि 'यह भारत में एप्पल के लिए एक बहुत ही अच्छा टर्निंग पॉइंट है. कोरोना महामारी के दौरान भारतीयों ने डिजिटल डीवाईसेस (devices) का काफी इस्तेमाल किया. सम्भवतः इसलिए उन्होंने प्रीमियम फोन पर पैसा लगाया है.'

आसान नहीं थी एप्प्ल की डगर 

1.3 बिलियन भारतीयों के बीच जगह बनाने के लिए Apple को काफी संघर्ष करना पड़ा है. अब यह देश में अपने iPhone की लोकप्रियता की वजह से दुनिया की सबसे पॉपुलर कंपनी बन गई है. Apple पर टैक्स लगने की वजह से इसके कीमत भारत में बहुत बढ़ जाती है, जिसकी वजह से यह अभी भी बहुत लोगों की पहुंच से दूर है.

साल 2018 में कंपनी के द्वारा दी गई ऑनलाइन डिस्काउंट्स , बिक्री में गिरावट की वजह से काफी नुकसान हुआ था. Apple ने उस पूरे साल में केवल 1.8 मिलियन iPhones बेचे जो हाल की तिमाही में बेचे गए iPhone से काफी कम हैं.

हालांकि कंपनी ने इन सभी समस्याओं को समझने के बाद रणनीति तैयार की. इसने भारत में ही iPhone का उत्पादन शुरु कर दिया. साथ ही अपने ऑनलाइन स्टोर पर डिस्काउंट्स देकर ग्राहकों को लुभाया. बहरहाल आने वाले कुछ महीनों में कंपनी कई शहरों में अपने खुद के रिटेल आउटलेट खोलने की योजना बना रही है.

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क्या रही बीती तिमाही की रणनीति 

हाल ही में अक्टूबर से दिसंबर के दौरान फेस्टिव सीजन होने की वजह से फोन निर्माता ने बेसिक iPhone 12 मॉडल की कीमत 50,000 रुपये (668 डॉलर) से कम रखी थी जिसमें कैशबैक और इजी पेमेंट प्लान्स को भी रखा गया था.

विश्व बैंक के मुताबिक ऐसे देश में जहां साल 2020 में प्रति व्यक्ति आय 2 हजार डॉलर से भी कम थी वहां एप्पल के लिए अभी मार्केट काफी मुश्किल भरा है. काउंटरपॉइंट के मुताबिक हालिया तिमाही के दौरान देश में आईफोन की औसत बिक्री मूल्य 908 डॉलर थी जबकि सैमसंग की 278 डॉलर और श्याओमी की 172 डॉलर थी.

ध्यान देने वाली बात है कि इस दौरान Apple के शेयर में 5% बढ़ोतरी दर्ज की गई है. भारतीय बाजार में इस दौरान 44 मिलियन स्मार्टफोन खरीदे गए हैं.

विशेषज्ञों की राय मानी जाए तो Apple की कीमत से ज्यादा एप्पल मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स कंपनी के लिए चुनौती हैं. हाल ही में Apple मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स, Foxconn Technology Group और Wistron Corp. को चेन्नई में अपने कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा, देश के एंटीट्रस्ट रेगुलेटर, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ऐप स्टोर की फीस की जांच शुरू कर दी है. इसे देखते हुए लगता है कि एप्पल के लिए भारतीय मार्केट में अभी बहुत संघर्ष बाकी है.

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