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Holi पर भारतीय बाजारों में ‘चीनी कम’, स्वदेशी प्रोडक्ट्स के धमाल से व्यापारी खुश

होली पर भारतीय बाजारों में चाइनीज सामान नहीं दिखा और स्वदेशी उत्पादों को लोगों ने खूब पसंद किया है. इस मुद्दे पर पेश है के.टी. अल्फी की खास रिपोर्ट...

Holi पर भारतीय बाजारों में ‘चीनी कम’, स्वदेशी प्रोडक्ट्स के धमाल से व्यापारी खुश
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डीएनए हिंदी: किसी भी भारतीय त्यौहार (Indian Festival) पर पहले भारत में चाईनीज सामान (Chinese Products) की भरमार रहती थी और सस्ता होने के चलते लोग उसे ही खरीदते थे लेकिन चीन के साथ टकराव की स्थिति के चलते पिछले साल व्यापारियों का माल तक नहीं बिका. इसका नतीजा यह हुआ कि इस वर्ष होली (Holi) पर भारतीय बाजारों में चाइनीज सामान नहीं देखने को मिला. लोगों ने इस बार स्वदेशी उत्पादों से ही अपनी होली में रंग भरे हैं. 

चीनी सामान हुए गायब

दरअसल, 25 साल बाद पहली बार चीनी सामान भारतीय बाजारों से गायब दिखा है. होली पर बाजार स्वदेशी पिचकारियों से पटा रहा.चीन से इसका आयात इस बार पांच फीसदी भी नहीं हुआ. इससे पहले 450 करोड़ रुपए की पिचकारियां चीन से आयात होती थीं, जो इस बार 25 करोड़ की कीमत भी पार नहीं कर सकीं. जब 1992 में दुनिया के लिए भारतीय बाजार खुले और फिर 1996 से चीन ने अपने उत्पादों से यहां के बाजार में झोंकना शुरू कर दिया था. इसमें पिचकारियां भी थीं. 2019 तक चीन की पिचकारियां यहां के बाजारों में बिकीं. 95 फीसदी से ज्यादा बाजार पर चीन का ही कब्जा हो गया था लेकिन अब स्थितियां पलट गई हैं. 

इसकी वजह यह है कि COVID की वजह से चीन से आने वाले सामनों का आयात बाधित हुआ. कंटेनरों की कमी के कारण भाड़ा 25 गुना बढ़ गया. वहीं कस्टम नियम सख्त होने की वजह से कीमतों का खेल रुक गया है. इसका असर यह हुआ कि चीन से पिचकारियों और रंग-गुलाल का आयात थम सा गया. 

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दो साल के अभियान का हुआ असर

देश में ही बड़े स्तर पर पिचकारी निर्माता सामने आए और आज महज दो साल में हम पिचकारी में आत्मनिर्भर हो गए हैं इस बार होली पर स्वदेशी पिचकारियों की ही सर्वाधिक बिक्री हुई है. जानकारी के मुताबिक कानपुर में 16 नई फैक्टरियां और दिल्ली-एनसीआर में 275 से ज्यादा छोटी-बड़ी इकाइयों ने एक से बढ़कर एक पिचकारियां बनाईं और इन्होंने इस बार होली पर दिल्ली-एनसीआर में 400 करोड़ की पिचकारियों का उत्पादन किया है जो कि चाइनीज उत्पादों को बाहर फेंकने की मुहिम में एक बड़ी उपलब्धि है.

वहीं इस मुद्दे को लेकर (Confederation of All India Traders (CAIT) ने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद् करते हुए कहा कि दो साल Covid  के वनवास के बाद इस साल व्यापारियों ने होली काफी अच्छे से मनाई. पूरे देश में इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल 30 फीसदी व्यापर की वृद्धि हुई है. वहीं एक मोटे अनुमान के अनुसार इस बार होली में देश भर में करीब 20 हजार करोड़ का व्यापर हुआ और वहीं अकेले दिल्ली में 3000 करोड़ से ज़्यादा का व्यापार हुआ है. संस्था ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं कि उनके covid  प्रबंधन कौशल के कारण Covid  के सारे प्रतिबंध खत्म हो गए. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि इस बार चीनी सामान का एक भी उत्पाद इस बार नहीं बिका , प्रति वर्ष लगभग 10 हजार करोड़ का सामान चीन का बिकता है लेकिन इस बार बारतीय बाजारों से चीन को बड़ा झटका लगा है. 

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