Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

पहले आसानी से देते हैं लोन फिर करते मनमानी, RBI कसेगा नकेल

डिजिटल प्लेटफॉर्म आसान प्रक्रिया के जरिए लोन देने के बाद ग्राहकों को ही करते हैं प्रताड़ित

पहले आसानी से देते हैं लोन फिर करते मनमानी, RBI कसेगा नकेल
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी -  टीवी से लेकर डिजिटल विज्ञापनों के जरिए हम ये सुनते रहते हैं  कि 4 या 5 मिनट में कंपनियां आसानी से लोन दिलवा सकती हैं और अक्सर इन विज्ञापनों के जाल में ही फंसकर लोग बड़ी मुश्किलों को शिकार हो जाते हैं. आसान शर्तों पर लोन का दावा करने वाली यहीं कंपनियां बाद में गैर कानूनी तरीके से लोगों के ब्याज दरें वसूलतीं है. उनके स्मार्टफोन्स का डेटा निकालकर उन्हें प्रताड़ित करती हैं और ये बात अब RBI के संज्ञान में आ चुकी है और यही वजह है कि केन्द्रीय बैंक की ही एक समिति ने नियमों में बदलाव संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं जो कि इन लोन लेंडर्स की धोखाधड़ी पर नकेल कस सकती है. 

RBI को मिले सुझाव

दरअसल RBI कार्य समूह ने अपनी एक रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है जिसके अनुसार डिजिटल कर्ज लेने वालों के बैंक खातों में सीधे तौर पर छूट दी जानी चाहिए. इसके अलावा सिर्फ डिजिटल ऋणदाताओं के बैंक खातों के माध्यम से ही लोन का वितरण किया जाना चाहिए. आरबीआई के कार्य समूह ने सुझाव दिया है कि डेटा संग्रह की अनुमति केवल कर्ज लेने वालों की पूर्व और स्पष्ट सहमति के साथ सत्यापन योग्य ऑडिट ट्रेल्स के साथ दी जानी चाहिए. वहीं इसमें ये भी कहा गया है कि यूजर्स जो भी लोन ले रहे हैं  उससे संबंधित जानकारी एवं यूजर्स का सारा डेटा भारत के ही सर्वर पर सुरक्षित होना चाहिए और ये जानकारी भारत से बाहर नहीं जानी चाहिए.

पारदर्शिता है प्राथमिकता 

अपने सुझावों में कार्य समूह की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आवश्यक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल कर्ज में उपयोग की जाने वाली एल्गोरिदम सुविधाओं का दस्तावेजीकरण भी किया जाना चाहिए. वहीं, प्रत्येक डिजिटल ऋणदाता को वार्षिक प्रतिशत दर सहित एक मानकीकृत प्रारूप में एक महत्वपूर्ण तथ्य विवरण देने का भी सुझाव दिया गया है. आरबीआई के परामर्श से वसूली के लिए एक मानकीकृत आचार संहिता भी तैयार होने वाली है, जो कि लोन लेने वालों के हितों का ध्यान रखकर तैयार की जा सकती है. इस कार्य समूह का गठन RBI  द्वारा ही 13 जनवरी 2021 को किया गया था.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement